अंबिकापुर। न्यायालय कलेक्टर सरगुजा ने अंबिकापुर तहसील के ग्राम पंचायत सुमेरपुर अंतर्गत ग्राम दर्रीडीह के मुख्य मार्ग पर भूमि खसरा कमांक 48/2, रकबा 55 डिसमिल, आदिवासी वर्ग की जमीन को दस्तगीर नामक व्यक्ति द्वारा रेवेन्यू बोर्ड का फर्जी आदेश बनाकर सामान्य व्यक्ति सलीम जावेद व बिजेन्द्र गुप्ता को 25 लाख रुपये में बिक्री करने के मामले में संबंधित के विरूद्ध थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश गुरूवार, 30 जनवरी को जारी किया है। भूमि के समस्त अंतरण को अकृत एवं शुन्य घोषित करते हुए उक्त भूमि को पूर्ववत शासकीय मद में दर्ज करने कहा गया है। इसकी शिकायत आलोक दुबे पार्षद महाराणा प्रताप वार्ड नंबर 6 ने आवेदन प्रस्तुत करके की थी। कलेक्टर ने शिकायत की जांच नायब तहसीलदार रघुनाथपुर एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व धौरपुर से कराई थी।

जांच प्रतिवेदन में बतलाया गया था कि ग्राम दर्रीडीह तहसील लुण्ड्रा स्थित भूमि खसरा कमांक 48/2 रकबा 0.210 हेक्टेयर भूमि सर्वे सेटलमेंट में गैर मजरूआ, सरकार परती मद में दर्ज है तथा वाद भूमि शासकीय पट्टे से प्राप्त भूमि है, जिसके विक्रय से पूर्व संहिता की धारा 165 (7) (ख) के तहत कलेक्टर से सक्षम अनुमति प्राप्त नहीं की गई है। उक्त अंतरण संहिता की धारा 165 (7)(ख) के विपरीत है। इसी प्रकार सलीम जावेद पिता अब्दुल सत्तार के द्वारा कुटरचना करके राजस्व मण्डल बिलासपुर के फर्जी आदेश को प्रस्तुत करके आदिवासी भूमि को गैर आदिवासी के पक्ष में अन्तरण कराते हुए अपने नाम पर दर्ज करा लिया है। उक्त भूमि को शासकीय मद में दर्ज करते हुए अनावेदक के विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई करने की अनुशंसा की गई है। कलेक्टर ने जांच में उपरोक्त तथ्य सही पाए जाने पर ग्राम दर्रीडीह तहसील लुण्ड्रा स्थित भूमि के संबध में हुए समस्त अंतरण को संहिता की धारा 165(10) को अकृत एवं शुन्य घोषित करते हुए उक्त भूमि को पूर्ववत शासकीय मद में दर्ज करने और अनावेदक सलीम जावेद पिता अब्दुल सत्तार निवासी पर्राडांड अंबिकापुर के विरूद्ध संबधित थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश नायब तहसीलदार रघुनाथपुर को देने आदेश पारित किया है।

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