उदयपुर। सरगुजा जिले के वन परिक्षेत्र उदयपुर अंतर्गत ग्राम कर्मकरा के आसपास के गांव में हिरण और सुअर फसलों को बर्बाद कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक ग्राम फुनगी, जजगी, मानपुर, उपका पारा के किसान जंगली जानवर हिरण, कोटरा, सांभर, नीलगाय और सुअर के द्वारा खेतों में रात को आकर फसलों को नुकसान पहुंचाने से परेशान हैं। कर्मक_रा जंगल से जंगली जानवर रात में आस-पास के गांवों में खेतों तक पहुंच कर फसलों को खा रहे हैं, जिससे किसानों को रात को रतजगा करना पड़ रहा है। ग्राम जजगी के किसान दुर्गादास की पत्नी के बताया कि रात में हिरणों से फसल को बचाने के लिए दोनों पति-पत्नी को खलिहान में ही रात बिताना पड़ता है। जंगली जानवर खेतों में रात को पहुंच कर गेहूं के फसल को चरकर नष्ट कर रहे हैं। एक एकड़ में लगे अरहर दाल के फसल को इनके द्वारा पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है, जिससे उन्हें दाल खरीदना पड़ेगा। हिरणों से फसल को बचाने के लिए वन विभाग की ओर से कोई उपाय नहीं किया गया और न ही मुआवजा राशि प्रदान की गई है। इनका कहना है कि बरसात के दिन में हाथी कई वर्षों तक कई एकड़ में लगे धान के फसल को कुचले, खाए और बरबाद किया, इसका मुआवजा राशि आज तक प्रदान नहीं किया गया है। शीत ऋतु में हिरण और सुअर खेतों में लगे फसल को खाकर खत्म कर रहे हैं। ग्राम फुनगी में भी रात के समय हिरणों के दल ने खेत में लगे आलू के फसल को नुकसान पहुंचाया है। ग्राम जगन्नाथपुर में भी हिरणों ने खेतों में लगे फसल को नुकसान पहुंचाया है। कर्मक_रा जंगल के आसपास के गांव में हिरण और सुअर का दल लगातार फसलों को चरकर खत्म करने में लगा है, जिससे ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है। खेतों में लगे फसलों को कैसे बचाएं इसका कोई समाधान उन्हें नहीं सूझ रहा है। फसलों को बचाने के लिए करंट लगाने से जंगली जानवरों के मौत की संभावना रहती है। किसानों ने फसलों के बचाव के लिए घेरा तो लगाया है लेकिन इसे तोड़कर फसलों को नष्ट करने का सिलसिला जारी है।