आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका की भर्ती में रिश्वतखोरी से पूरा सिस्टम सवालों के घेरे में
उदयपुर। सरगुजा जिले के उदयपुर मुख्यालय में स्थित परियोजना कार्यालय में पदस्थ परियोजना अधिकारी कई वर्षों से एक जगह कुंडली मारकर बैठी है। कलेक्टर के जनदर्शन और जिला कार्यक्रम अधिकारी के पास कई शिकायतों के बाद भी कार्रवाई तो दूर, शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जांच तक नहीं किया गया है, जबकि कई शिकायतें एसडीएम कार्यालय से लेकर जिला कार्यक्रम अधिकारी व कलेक्टर के जनदर्शन में पहुंच चुकी है।
बता दें कि पिछले माह ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका की भर्ती में लाखों रुपये का भ्रष्टाचार करने का मामला सामने आया था, जिसका कुछ वीडियो भी वायरल हुआ, लोग खुलकर बड़े अधिकारियों के समक्ष फरियाद लेकर पहुंचे, लेकिन अभ्यर्थियों का आज तक कोई जांच तक नहीं किया गया है। ऐसे में सरकार के सिस्टम को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। ग्राम मानपुर की अभ्यर्थी ने बताया कि 50 हजार रुपये सहायिका भर्ती के लिए लिया गया और पात्रता, अपात्रता को दरकिनार कर दिया गया। जिस अभ्यर्थी ने ज्यादा रुपये दिए उनकी नियुक्ति कर दी गई। ग्राम पंचायत सायर में भी परियोजना अधिकारी के द्वारा पैसे का डिमांड अभ्यर्थियों से किया गया और जो रुपये नहीं दिए उन्हें किनारे करके अपात्र लोगों को नियुक्त कर दिया गया। कुछ माह पहले परियोजना अधिकारी और अभ्यर्थी के बीच लेन-देन को लेकर की गई बातचीत का ऑडियो व वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें अभ्यर्थी के द्वारा कम पैसे में नियुक्ति कर देने की बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ था। 25 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए भी एक वीडियो वायरल हुआ लेकिन कार्रवाई नहीं हुई है। ताजा मामला ग्राम कुमडेवा की कवित्री गोड का सामने आया है, जो परियोजना कार्यालय में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के लिए आवेदन की थी, जिससे परियोजना अधिकारी ने 25 हजार रुपये नगद ले लिया लेकिन नियुक्ति नहीं की और ना ही रुपया अभी तक वापस किया है, जिससे परेशान होकर अभ्यर्थी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को लिखित आवेदन दिया है ऑडियो का सीडी भेजकर शिकायत किया है।इस पर अभी तक कोई भी सुनवाई नहीं हुई है। कई बार जनदर्शन में चक्कर काटने के बावजूद अभ्यर्थियों को सुशासन में न्याय नहीं मिल पाया है। ऐसे में कई पात्र हितग्राहियों को अपात्र होना पड़ा।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका भी नाराज
चार दिन पहले आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं ने एसडीम कार्यालय उदयपुर पहुंचकर परियोजना अधिकारी के ऊपर गंभीर आरोप लगाए हंै। इनके द्वारा कहा गया है कि यही रवैया रहा तो जल्द ही वे सड़क पर आकर उग्र आंदोलन करेंगी, लेकिन प्रशासन अभी भी निद्रामग्न है। ऐसे में उच्च अधिकारियों से मिली भगत करके भ्रष्टाचार की बातें होने लगी है। इधर अपात्र लोगों से चढ़ावा मिलने पर ज्यादातर नियुक्तियों में परियोजना अधिकारी के द्वारा प्रमाणपत्रों में कांट-छांट करके और नंबर बढ़ाकर नियुक्ति देने की बातें सामने आ रही है। 70 नियुक्तियों में ज्यादातर लोगों को स्थान रिश्वत के दम पर मिला, जिस कारण विधवा, परित्यक्त महिलाएं भी अपात्र हो गई।