लखनपुर थाना क्षेत्र के ग्राम केंवरा निवासी एक व्यक्ति का सोशल मीडिया में हुआ था संपर्क
अंबिकापुर। सरगुजा जिले के लखनपुर थाना अंतर्गत ग्राम केंवरा निवासी एक व्यक्ति का इंस्टाग्राम में यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका के कथित डॉक्टर से परिचय हुआ, इसके बाद वह उसे अपनी नौकरी के छठवां वर्ष पूरा होने की खुशी में कीमती गिफ्ट व विदेशी मुद्रा भेजने का झांसा दिया। विश्वास में आकर उक्त गिफ्ट को प्राप्त करने के चक्कर में ग्रामीण ने 78 लाख 38 हजार 999 रुपये गवां दिया। ग्रामीण को इन्कमटेक्स, इंटरनेशनल एयरपोर्ट अथार्टी के कस्टम डिपार्टमेंट द्वारा गिफ्ट में भेजे गए सामान का मूल्य आंकलन करके एक करोड़ 35 लाख रुपये बताया गया था। ठगी का शिकार हुए व्यक्ति ने इसकी शिकायत साइबर रेंज थाना अंबिकापुर में की थी, जिस पर केस दर्ज करके अग्रिम वैधानिक कार्रवाई पुलिस कर रही है।
जानकारी के मुताबिक ग्राम केंवरा के रामाज्ञा सिंह पिता स्व. महावीर सिंह 51 वर्ष ने लिखित शिकायत साइबर रेंज थाना में देकर बताया था कि जून 2024 में इंस्टाग्राम आईडी के माध्यम से डॉक्टर मतिल्दा हैरिसन यूएसए (युनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका) से परिचय हुआ। डॉक्टर ने स्वयं के सर्विस का छठवां वर्ष पूरा होने की खुशी में उसे एक गिफ्ट भेजने की बात कही। गिफ्ट में आईफोन 14, टी शर्ट, परफ्यूम इत्यादि सामान भेजना बताया गया था। व्हाट्सअप मैसेज में बताया कि उक्त सामग्री को स्थानीय ट्रांसपोर्टिंग में चार्ज जमा करके प्राप्त कर सकते हैं। गिफ्ट बॉक्स में कुछ विदेशी मुद्रा भी होने की जानकारी दी गई थी और उसका उपयोग करने के लिए कहा गया था। इसके बाद डिलेवरी चार्जेस के रूप में कई बार डिक्लिरियेशन सर्टिफिकेट, कन्फर्म सर्टिफिकेट, मॉनीटरी फण्ड, इन्कम टैक्स सर्विस, इंश्योरेंस सर्विस चार्ज जैसे विभिन्न शुल्क के नाम पर 17.07.2024 से 29.10.2024 के बीच कोरियर सर्विस मैनेजर दीपक शर्मा सहित अन्य के द्वारा विभिन्न खाता नंबर उपलब्ध कराकर ऑनलाइन एवं नगद के रूप में 78 लाख 37 हजार 999 रुपये प्राप्त कर लिया गया। इतना रुपये देने के बाद पुन: फंड रिलीज के लिए रुपये की मांग से उक्त व्यक्ति को संदेह हुआ और वह पुलिस के शरण में पहुंचा। साइबर रेंज थाना पुलिस मामला दर्ज करके जांच कर रही है।
ऐसे बदला ठगी का स्वरूप
लाखों रुपये वसूलने के बाद रामाज्ञा सिंह को ठग ने भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया का एक एटीएम कार्ड भेजकर कहा कि कोटक महेंद्रा बैंक के एटीएम से 10 हजार रुपये ट्रांजेक्शन कर एटीएम के एक्टिवेट होने की सूचना दें, इसमें दो पासवर्ड का उपयोग किया गया। एक पासवर्ड रामाज्ञा को दिया गया और दूसरा पासवर्ड अपने मोबाइल नंबर में ठगों ने रखा था। 08.09.2024 को कोटेक महेंद्रा के एटीएम में जाकर 10 हजार रुपये विड्रावल उन्होंने किया। इसके बाद दीपक शर्मा ने कहा कि आपके खाता में कुल जमा की गई राशि एवं विदेश से प्राप्त राशि का मूल्य 01 करोड़ 35 लाख रुपये होता है। इनके द्वारा एटीएम का ट्रान्जेक्शन लिमिट कम होने की बात कही गई और एटीएम के एक्टिवेशन ऑफ एकांउट की राशि के लिए 6 लाख 16 हजार रुपये मांगा गया। इसे दो बार में प्रिंस कुमार के खाता में 19.09.2024 को 3 लाख 16 हजार रुपये और कुमार इंटरप्राइजेस के बैंक ऑफ महाराष्ट्र के खाता में 3 लाख रुपये आरटीजीएस के माध्यम से जमा किया गया। कार्ड से अधिक राशि निकालने की क्षमता बढ़ाने के लिए एक्सपेंड ऑफ कार्ड की राशि 11 लाख 56 हजार रुपये तीन अलग-अलग खाता नंबर में 25.09.2024 को आर.टी.जी.एस. के माध्यम से ग्रामीण ने जमा करा दिया। इसी दिन कोरियर मैनेजर दीपक शर्मा के द्वारा फंड रिलीज करने के नाम पर 24 घंटे के अंदर 5 लाख 85 हजार रुपये भेजने के लिए कहा गया, उक्त रुपये उसी दिन नगद जमा करा दिया गया था। रकम जमा करने में विलम्ब होने की बात कहकर लेट फीस चार्ज 2 लाख 52 हजार रुपये मांगा गया, इसे भी 03.10.2024 को नगद जमा किया गया।
कस्टम डिपार्टमेंट तक का दिखाया रास्ता
कोरियर सर्विस मैनेजर ने मोबाइल से फोन करके बताया गया कि उनका सामान आया है। डिलेवरी चार्ज के लिए 28 हजार रुपये जमा करना होगा। इसके बाद उन्होंने 17.07.2024 को फोन से प्रवीण कुमार के यूनियन बैंक के खाता में उक्त रकम जमा करा दिया गया। इसके पश्चात कोरियर सर्विस से कॉल करके बताया गया कि आपको डिक्लियरेशन सर्टिफिकेट बनवाना पड़ेगा, इसके लिए 79 हजार 500 रुपये देने कहा गया, इसे 19.07.2024 को ही प्रवीण कुमार के बैंक खाता में आरटीजीएस के माध्यम से जमा करा दिया गया। पुन: कोरियर सर्विस ने कहा कि लंदन से भारत आने का कन्फर्मेशन सर्टिफिकेट बनवाना होगा, इसके बाद आपका सामान घर भेज दिया जाएगा, इसके लिए एक लाख 65 हजार रुपये प्रवीण कुमार के बैंक खाता में आरटीजीएस के माध्यम से जमा किए गए। पुन: कोरियर मैनेजर दीपक शर्मा ने बताया कि सामान कस्टम डिपार्टमेंट में भेजा गया है। कस्टम डिपार्टमेंट को उक्त सामान का इंटरनेशनल मोनीटरी फण्ड 2 लाख 85 हजार रुपये देना होगा। इसे 24.07.2024 को प्रिंस कुमार के फेडरल बैंक के खाता में आरटीजीएस किया गया।
निर्विघ्न रुपये मिलने से लालच बढ़ा
ठगी की सीमा यहीं नहीं थमी ग्रामीण से कस्टम विभाग के नाम पर मनी लांड्रिंग एवं एंटी टेरेरिस्ट फंडिंग सर्टिफिकेट के लिए 2 लाख 25 हजार रुपये की मांग की गई, जिसे 05.08.2024 को प्रिंस कुमार के पीएनबी खाता में 1 लाख 80 हजार रुपये नगद और 45 हजार रुपये योनो ऐप के माध्यम से उसी खाता में जमा कराया गया। एयरपोर्ट अथार्टी के नाम से दीपक शर्मा ने आर्म्स कन्ट्रोल यूनिट के लिए 6 लाख 75 हजार मांगा और उक्त रकम भी 16.08.2024 को प्रिंस कुमार के बैंक ऑफ इण्डिया के खाता में दो बार में 3 लाख 37 हजार 500 रुपये व 20.08.2024 को इसी खाते में 3 लाख 37 हजार 500 रुपये नगद जमा कर दिया। इसके बाद दीपक शर्मा ने सी.ओ.टी. चार्जेस के नाम पर 22.08.24 को 1 लाख 58 हजार रुपये व सभी सामग्री का जीएसटी चार्ज 2 लाख 75 हजार रुपये 27.08.24 को प्रिंस के बैंक खाता के माध्यम से प्राप्त किया।
एयरपोर्ट अथार्टी डिपार्टमेंट के नाम पर ठगी
ठगी का यह खेल इसके बाद भी खत्म नहीं हुआ और कुल राशि एक करोड़ 35 लाख रुपये का टैक्स चार्ज 15 लाख 26 हजार रुपये में से 50 प्रतिशत रकम जमा करने कहा गया। 05.10.2024 को उक्त रकम जमा होने के बाद एयरपोर्ट अथार्टी डिपार्टमेंट के द्वारा टैक्स की राशि पूरा जमा करने का हवाला देकर पूरी रकम जमा करने दबाव बनाया गया। यह रकम भी 09.10.2024 को जमा कर दी गई। इसके बाद रिलीजिंग इन्लार्जमेंट के लिए 11.10.24 को एक लाख रुपये, टैक्स के लिए 2.50 लाख रुपये, एमाउंट रिलीज करने के नाम पर 3 लाख 12 हजार 500 रुपये 18.10.2024 को, 19.10.2024 को 12 हजार 500 रुपये फोन पे के माध्यम से जमा किया गया। इसके बाद भी लेट फीस के नाम पर 2 लाख रुपये 22.10.2024 को जमा कराए गए। आरबीआई के गाइडलाइन्स के आधार पर सी.ओ.टी. के नाम पर 1 लाख 98 हजार रुपये तीन खाता में प्राप्त करने के बाद फंड रिलीज के नाम पर 1 लाख 58 हजार रुपये की मांग करने पर उसे ठगी का एहसास हुआ।