अंबिकापुर। नगर पालिक निगम अंबिकापुर में भाजपा की सरकार का कब्जा होने के बाद सोमवार को पहली समान्य सभा की बैठक कंपनी बाजार में स्थित सरगुजा सदन में हुई। इस दौरान शहर की प्रथम महापौर मंजूषा भगत ने अपने कार्यकाल का पहला बजट पेश किया, जो लगभग दो करोड़ के घाटे का है। बजट में पुराना बस स्टैंड में गोल बाजार निर्माण के लिए 60 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वहीं टांसपोर्टनगर के लिए पूर्व में किए गए 15 करोड़ के प्रावधान को बढ़ाकर 25 करोड़ किया गया है। इसके अलावा अधोसंरचना मद, स्वच्छता प्रबंधन, महामाया कारीडोर निर्माण सहित अन्य विकास कार्यों का ध्यान बजट में रखा गया है। बैठक की शुरूआत में नगर निगम के महापौर, सभापति, सभी पार्षदों व अधिकारियों ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान ‘कैच द रेनÓ अभियान को बढ़ावा देने और जल को अनमोल संपदा मानकर उसके संरक्षण का संकल्प लिया गया।
सामान्य सभा में प्रश्नकाल के दौरान पार्षदों के द्वारा उठाए गए सवालों का क्रमश: जवाब महापौर और लोक निर्माण विभाग के प्रभारी ने दिया। मंगल भवन को लेकर एक पार्षद के द्वारा किए गए सवाल पर लोक निर्माण विभाग के प्रभारी मनीष सिंह ने बताया कि इसके लिए शासन की ओर से स्वीकृति नहीं दी गई है। बौरीपारा तालाब में नालियों के दूषित पानी का मुद्दा भी पार्षद कलीम के द्वारा सवाल के माध्यम से सामने लाया गया है। पार्षद जितेन्द्र सोनी ने पाइप लाइन का विस्तार नहीं होने से पानी की कुछ वार्डों में अधिक समस्या होने की बात कही, इन इलाकों में टैंकर से पानी की सप्लाई पर जोर देते हुए टैंकर की कमी की ओर ध्यानाकर्षण कराया। इस पर सांसद चिंतामणि महराज ने जल जीवन मिशन के कार्य को लेकर अधिकारियों से सवाल भी किया। पार्षद आलोक दुबे ने सुझाव दिया कि सांसद महोदय चाहें तो एक पत्र जारी करके एसईसीएल व अडानी के सीएसआर मद से पानी के टैंकर की व्यवस्था निगम के लिए करवा सकते हैं। गोधनपुर चौक में स्थित पानी टंकी में सीपेज और पानी की समस्या से कई इलाके में ड्राई की बनने वाली स्थिति की ओर पार्षद शिवमंगल सिंह ने ध्यानाकर्षण कराया। आउटर रिंग रोड को लेकर भी सदन में चर्चा हुई। इस पर नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद और सत्ता पक्ष के पार्षद आलोक दुबे ने बताया कि 3 क्षेत्र के लोगों को कम्पनसेशन मिल गया है। नोटिफिकेशन के साथ मार्किंग की प्रक्रिया शुरू हो गई है। परसा से एक एरिया शेष है। शफी अहमद ने सड़क बत्ती की व्यवस्था बिगड़ने की ओर सदन का ध्यानाकर्षण कराया, जिससे रिंग रोड सहित कई मोहल्ले, टोलों में अंधेरा छाया रहता है। इस दौरान निगम आयुक्त डीएन कश्यप सहित निगम के सभी विभागों के जिम्मेदार अधिकारी उपस्थित थे।
सामान्य सभा में पहली बार किसी सांसद का आना हुआ
सामान्य सभा की पहली बैठक में पहली बार किसी सांसद का आना हुआ। सांसद चिंतामणि महराज अपने चिर-परिचित अंदाज में प्रश्नकाल के दौरान सदन में हाथ जोड़कर प्रवेश किए और महापौर के बगल में कुर्सी पर बैठ गए। महापौर मंजूषा भगत सहित नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद ने सांसद का स्वागत किया। शफी अहमद ने कहा कि पूर्व के 10 सालों में निगम को सांसद मद से राशि नहीं मिली। सांसद चिंतामणि महाराज कुछ राशि नगर विकास के लिए जरूर देंगे, यह कहते हुए उन्होंने सांसद निधि से 2 करोड़ रुपये निगम को देने की मांग की, ताकि शहर के अहम कार्यों में उक्त राशि का उपयोग किया जा सके। वहीं चिंतामणि महाराज ने कहा कि वे अपने राजनितिक काल में किसी भी चीज के लिए घोषणा नहीं किए हंै, आज भी घोषणा नहीं कर रहे हैं, उन्होंने हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। सांसद ने स्वयं सरगुजिहा में संवाद शुरू किया। कुछ पार्षद व अधिकारियों ने हिंदी में जवाब देना चाहा, लेकिन सांसद ने उन्हें टोकते हुए सरगुजिहा में बोलने कहा। सांसद ने पेयजल और बिजली की समस्या का जल्द ही निराकरण करने की बात कही है।
महापौर के स्पष्टीकरण के बाद विपक्ष नेे निकाल दी काली पट्टी
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नगर निगम में समान्य सभा की पहली बैठक सोमवार को सभापति हरमिंदर सिंह टिन्नी के नेतृत्व में दोपहर 12 बजे आयोजित की गई। चुनाव जीतने के बाद महापौर के द्वारा निगम का शुद्धिकरण कराने की बात महापौर ने कही थी। महापौर के इस बयान को लेकर विपक्ष गंभीर था। सामान्य सभा की बैठक में नेता प्रतिपक्ष सहित विपक्ष के पार्षद काली पट्टी लगाकर पहुंचे और विरोध जताया। इनका कहना था कि निगम में चुनाव जीतने के बाद महापौर मंजूषा भगत ने पहली हिंदू महापौर बनने की बात कहते हुए निगम का शुद्धिकरण कराने की बात कही थी, पहली बैठक में ही इस पर विरोध व्यक्त करते हुए मुद्दे को जब नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद ने सदन में उठाया तो महापौर मंजूषा भगत ने कहा कि मेरे द्वारा ऐसा कोई बयान नहीं दिया गया है और न ही ऐसा कुछ उन्होंने कहा है, यह उनके ध्यान में है। उन्होंने कहा वे किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहती हैं। महापौर के इस वक्तव्य के बाद नेता प्रतिपक्ष और विपक्ष के पार्षदों ने काली पट्टी निकाल दी।
प्लेसमेंट कर्मचारी अधिकारियों के घर का काम कर रहे
नगर निगम में नियमित व प्लेसमेंट कर्मचारियों की संख्या को लेकर सत्ता पक्ष व विपक्ष के पार्षदों ने सवाल उठाया था, जिस पर पता चला कि निगम में 343 प्लेसमेंट कर्मचारी हैं। सत्ता पक्ष के पार्षद आलोक दुबे ने कहा कि प्लसेमेंट कर्मचारियों से निगम में काम लिया जाए। इनसे अधिकारियों के घरों की सब्जी, गाड़ी धुलवाने, बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए भेजने जैसा कार्य लेने की बात निरंतर सामने आ रही है, यह बंद होना चाहिए। प्लेसमेंट कर्मचारियों से क्या काम लिया जा रहा है इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है, जबकि प्लेसमेंट कर्मचारियों को हर महीने 10 हजार वेतन निगम द्वारा दिया जाता है, जो महीने का लगभग 35 लाख होता है। नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद ने भी इस पर सहमति जताते हुए कहा कि निगम के नियमित व प्लेसमेंट कर्मचारियों की जानकारी सभी 48 पार्षदों को होनी चाहिए, ताकि विकास कार्य असानी से हो सके। उन्होंने कहा कि विकास कार्य के लिए वे पूरी तरह से सत्ता पक्ष के साथ हैं।
पूरी सड़कों का निर्माण करा देेते तो सत्ता में बैठे रहते
नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत नेशनल हाइवे और लोक निर्माण विभाग की सड़क भी गुजरी है, जिससे मरम्मत कराने में परेशानी होती है। विभागीय समन्वय का अभाव सदैव सामने आता है, जिस कारण दोनों सड़कों का मरम्मत निगम नहीं करा पाता है। महापौर मंजूषा भगत ने कहा कि अगर इन सड़कों को नगर निगम के अधीन कर दिया जाए तो मरम्मत कार्य में आसानी होगी। इसके लिए दोनों ही विभाग के अधिकारियों से चर्चा करके प्रक्रिया शुरू करने की बात कही गई। महापौर ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि निगम के कांग्रेस शासन काल में बनाई गई सड़कें गुणवत्ता से परे थी, जो काफी कम समय में खराब हो जाती थी। इस पर निगम के नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद ने आपत्ति जताते हुए कहा कि महापौर का पद गरिमा का है, इस तरह का भेदभावपूर्ण आरोप ठीक नहीं है। हमने निगम क्षेत्र के 25 प्रतिशत सड़कों के निर्माण की बात कही है, जो गुणवत्तापूर्ण था, पूरी सड़कों का निर्माण करा दिए होते तो निगम की सत्ता में बैठे रहते। उन्होंने बताया कि जिन सड़कों का निर्माण गुणवत्ता से परे हुआ, उसका भुगतान भी रोक दिया गया है।
नवनिर्वाचित पार्षदों को प्रशिक्षण की दरकार
नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद ने सदन में सभापति हरमिन्दर सिंह टिन्नी से मुखातिब होकर कहा कि नवनिर्वाचित पार्षदों को कार्यशाला आयोजित करके प्रशिक्षण देने की जरूरत है, ताकि इन्हें निगम के संविधान की जानकारी हो और सदन की गरिमा के अनुरूप जानकारी वे प्रस्तुत कर सकें। इस पर सभापति ने निगम कमिश्नर डीएन कश्यप से प्रशिक्षण की व्यवस्था करने के लिए कहा। कमिश्नर ने कहा कि रायपुर से ट्रेनर बुलाकर अंबिकापुर में ही प्रशिक्षण सुनिश्चित किया जा सकता है, ताकि इन्हें नियमों की जानकारी मिल सके।
पूर्व पार्षदों ने वेतन भुगतान करने के लिए सौंपा ज्ञापन
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नगर पालिक निगम अंबिकापुर के पूर्व पार्षदों ने सामान्य सभा की बैठक के दौरान एकजुट होकर आक्रोश व्यक्त किया और नगर निगम के सभापति एवं निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंपा। वर्ष 2019 में निर्वाचित 48 वार्डों के पार्षदों ने आरोप लगाया कि दिसंबर 2019 से फरवरी 2025 तक के कार्यकाल दौरान लगभग 24 माह का वेतन अब तक भुगतान नहीं किया गया है। वेतन भुगतान नहीं होने के कारण उन्हें आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इस अवसर पर कई पूर्व पार्षद उपस्थित रहे और कहा कि यदि शीघ्र उन्हें वेतन भुगतान नहीं किया गया, तो वे आगे उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
