उदयपुर। वन परिक्षेत्र उदयपुर के सायर केदमा के जंगलों में आग लगने से सैकड़ों एकड़ में आच्छादित पेड़-पौधे, जीव-जंतु जलकर खाक हो गए। मंगलवार को सुबह 7 बजे रानुमाड़ा के पूर्व की ओर जंगलों में आग लगा दिया गया, जो पूरे सूखे पत्तियों में तेजी से पकड़ लिया और केदमा रोड का शतिमुड़ा जंगल पूरी तरह से आग की चपेट में आ गया। सुबह 11 बजे तक लगातार जंगल जलता रहा।
बता दें कि सायर, केदमा के जंगलों में कब्जा करने के उद्देश्य से सायर बांध के ऊपर सड़क के दोनों तरफ आग का नजारा देखने को मिला। यहां दोनों ओर ग्रामीणों द्वारा जमकर कब्जा किया जा रहा है। बीटगार्ड आर्मो सिंह ने बताया कि इस एरिया का जंगल उनके बीट में नहीं आता है, फिर भी जानकारी मिलने पर उनके फायर वाचर अशोक चौधरी और क्रांति कुमार को भेजकर जंगल में लगे आग को बुझाया गया। बीट गार्ड ने बताया गया कि उनके स्टाफ जंगल बचाने का रोज प्रयास कर रहे हैं लेकिन महुआ खत्म होने के बावजूद जंगलों को जलाकर खाक किया जाना समझ से परे है। वनपाल गिरीश बहादुर सिंह ने बताया कि पांच वर्षों के रिकॉर्ड में सबसे ज्यादा जंगलों का नुकसान इस वर्ष हुआ है, जो बेहद चिंताजनक है। सूत्रों का कहना है कि अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं होने से सबसे ज्यादा जंगलों का ह्रास हुआ है, जिससे क्षेत्र में समय से पहले तेज गर्मी ने हा-हाकार मचा दिया है, भूमि का जल स्तर भी काफी गिर गया है।

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