अंबिकापुर। शहर के अंतर्राज्यीय बस अड्डा के पीछे स्थित होटल एसआर इन में व्यवसायी युवक फांसी लगाकर खुदकुशी कर लिया। पुलिस को होटल के बंद कमरे में एक पन्ने का सुसाइड नोट मिला है, जिसमें वह आर्थिक तंगी का जिक्र करने के साथ एक व्यक्ति से रुपये के लेन-देन का जिक्र भी किया है। पुलिस ने होटल के कमरे में फांसी पर झूल रहे शव का स्वजन की मौजूदगी में पंचनामा किया और मामले में अग्रिम जांच, कार्रवाई कर रही है।
जानकारी के मुताबिक पुरानी बस्ती सीतापुर निवासी मनीष कुमार गुप्ता पिता ईश्वर प्रसाद गुप्ता 32 वर्ष, मोबाइल दुकान का संचालन करता था। पिछले कुछ वर्षों से वह अंबिकापुर के गांधीनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत कन्या परिसर मार्ग में आयुर्वेदिक अस्पताल के पास किराए के मकान में रह रहा था। इलाके में ही वह कपड़ा दुकान भी खोला था, जिसका उद्घाटन पूजा-पाठ करके रामनवमी के पहले किया था। गुरूवार को दोपहर करीब 12 बजे वह अंतर्राज्यीय बस अड्डा के पीछे स्थित होटल एसआर इन में स्कूटी क्रमांक सीजी 15 डीएन 0540 से पहुंचा और एक कमरे की मांग किया। होटल के मैनेजर विनय सिंह कमरा देने के पूर्व जब उससे पूछताछ किया तो वह अपना निवास स्थान पुरानी बस्ती सीतापुर और सीने में तकलीफ होने की वजह से डॉक्टर को दिखाने के लिए अंबिकापुर आने की बात कहकर आराम करने के लिए कमरा देने कहा। इसके बाद होटल के मैनेजर ने उसे प्रथम तल पर स्थित कमरा नम्बर 103 दे दिया और रुपये जमा करने के लिए कहा था, लेकिन वह किराया बाद में देने की बात कहते हुए कमरे में चला गया था। होटल में कमरा लेने के बाद वह कुछ लोगों से अपने मोबाइल फोन पर बातचीत भी किया था। होटल के मैनेजर ने रूम का रेंट जमा करने के लिए गुरूवार की शाम और रात को फोन करके मनीष कुमार गुप्ता से संपर्क करने का प्रयास किया, तो वह फोन रिसीव नहीं किया। मैनेजर सोचा तबियत खराब है, आराम कर रहे होंगे, इसलिए डिस्टर्ब नहीं किया। सुबह कमरा नंबर 103 को खटखटाने, आवाज लगाने पर जब किसी प्रकार की प्रतिक्रिया अंदर से सुनने को नहीं मिली, तो बगल में स्थित कमरा नंबर 104 की खिड़की के रास्ते से रूम नंबर 103 की खिड़की तक वे पहुंचे। किसी तरह खिड़की को खोलकर अंदर झांकने पर पंखे में गमछा के सहारे उसका शव लटकते नजर आया। इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दी गई। मौके पर पुलिस पहुंची और युवक के द्वारा होटल में जमा किए गए दस्तावेज के आधार पर स्वजन को इसकी सूचना दी गई। स्वजन के आने के बाद पंचनामा तैयार करके कमरे को पुलिस ने खोला।
पुलिस भी खिड़की के रास्ते से अंदर की प्रवेश
कमरा नंबर 104 की खिड़की के रास्ते से पुलिस विभाग के डीएसपी फारेंसिक कुलदीप कुजूर, बस स्टैंड प्रभारी संदीप कुमार सिंह, प्रधान आरक्षक अमित सिंह सहित अन्य छोटे पोर्च में पहुंचे। इसके बाद कमरा नंबर 103 की खिड़की से उक्त कमरे में प्रवेश किए, जिसके अंदर व्यवसायी मनीष कुमार गुप्ता का शव फांसी पर लटका था। अंदर से बंद कमरे का लॉक पुलिस ने खोला और स्वजन के समक्ष शव का मौका पंचनामा बनाया। युवक के शव को फांसी पर लटके देखकर स्वजन रो पड़े। युवक का ससुराल अंबिकापुर के दर्रीपारा मोहल्ले में है, जिस कारण काफी संख्या में ससुराल पक्ष के लोग भी घटनास्थल तक पहुंच गए थे।
देर रात घर नहीं पहुंचने पर पुलिस को दी सूचना
मृतक के साला का कहना है कि मृतक मनीष कुमार गुप्ता घर में दुकान के लिए कपड़ा लेने के लिए जाने की बात कहकर दिन में 10.30 बजे स्कूटी से निकला था, इसके बाद देर शाम तक घर नहीं लौटा। फोन में संपर्क करने पर भी उससे बात नहीं हुआ, जिस कारण वे चिंतित हो उठे। सगे संबंधियों से पूछताछ में भी कुछ पता नहीं चला। इसके बाद गांधीनगर थाना में इसकी सूचना भी दी गई थी। मृतक के भाई ने बताया कि एक दिन पहले ही मनीष सीतापुर गया था। बातचीत में किसी प्रकार की दिक्कत या परेशानी हो, ऐसा आभास उन्हें नहीं हुआ था। सभी से अच्छे से मिलकर वह अंबिकापुर जाने के लिए निकल गया था। मृतक की पत्नी, 12 वर्षीय पुत्र सहित भरा-पूरा परिवार है, जो इस घटना के बाद सदमे में हैं।

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