कमिश्नर आफिस के भृत्य व एक महिला की दर्दनाक मौत से सहमे ग्रामीण
अंबिकापुर/बलरामपुर। बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में दंतैल हाथी के हमले में एक महिला एवं कमिश्नर आफिस के प्यून की मौत हो गई। हाथी ने सोमवार की शाम दंपती पर हमला करके महिला का हाथ उखाड़ दिया था, वहीं मंगलवार को अलसुबह भृत्य को कुचल दिया। हाथी के हमले में दो लोगों की मौत से भड़के ग्रामीणों ने ग्राम छतवा में डिप्टी रेंजर के कार्यालय के सामने सड़क जाम कर दिया, जिससे मार्ग पूरी तरह से अवरूद्ध हो गया। पुलिस एवं वन विभाग के अधिकारियों की समझाइश के बाद चक्काजाम से लोगों को मुक्ति मिली। हाथियों का दल छतवा के जंगल में डटा हुआ है। हाथियों की मौजूदगी के कारण ग्रामीण दहशत में हैं। महुआ का सीजन होने के कारण ग्रामीण तड़के ही घरों से महुआ बिनने के लिए निकल जंगल की ओर रूख कर लेते हैं।
जानकारी के मुताबिक, बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर क्षेत्र में विचरण कर रहे 10 हाथियों के दल से अलग होकर 31 मार्च की शाम को करीब 7 बजे एक दंतैल हाथी ग्राम फुलवार पहुंच गया था। इस दौरान गांव के उस्मान खान शाम को लगभग 6.20 बजे घर के पास खेत में गेहुं की फसल काट रहे थे। उनकी पत्नी असमिया खातून 40 वर्ष उन्हें बुलाने के लिए खेत गई थी। इसी दौरान अचानक खेत में जंगली हाथी पहुंच गया। जब तक दंपती की नजर हाथी पर पड़ती वह उस्मान खान को उठाकर खेत में पटक दिया। यह देखकर असमिया खातून शोर मचाई, तो हाथी उसके पति को छोड़कर महिला की ओर बढ़ा और सूड़ में हाथ लपेटकर उसे अपनी ओर खींचकर पटक दिया, और उसके बाएं हाथ को शरीर से उखाड़कर अलग कर दिया। महिला की चित्कार सुनकर ग्रामीण एकत्र हुए और मौके का वीभत्स नजारा देखकर सहम गए। हाथी के जाने के बाद घायल दंपती को गंभीर स्थिति में रामानुजगंज स्वास्थ्य केन्द्र लाया गया, यहां से प्राथमिक चिकित्सा के बाद इन्हें रेफर कर दिया गया था। अंबिकापुर के होलीक्रॉस अस्पताल में जीवन-मौत से संघर्ष कर रही असमिया खातून की देर रात 12.40 बजे मौत हो गई, उसके पति उस्मान का उपचार चल रहा है। पुलिस ने मृतिका के शव को पोस्टमार्टम के बाद स्वजन को सौंप दिया है। बता दें कि हाथी के हमले से हुई महिला की मौत के मामले में ग्रामीणों ने वन विभाग पर गंभीर आरोप लगाए और चक्काजाम करके आक्रोश प्रदर्शन किया। इनका कहना है घटना जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण हुई है। हाथियों के आने की जानकारी देने के बाद भी उनके जान-माल की सुध लेने के लिए कोई मौके पर नहीं पहुंचता है।
कमिश्नर कार्यालय अंबिकापुर में पदस्थ था दुर्गा प्रसाद
बताया जा रहा है कि ग्राम फुलवार से निकलकर हाथी देर रात रामपुर पहुंच गया। रामपुर में तड़के करीब 3 बजे महुआ बिनने गए दुर्गा प्रसाद (48) को हाथी ने कुचल दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। दुर्गा प्रसाद राजपुर ब्लॉक के जिगड़ी बासने का निवासी था और अंबिकापुर कमिश्नर आफिस में भृत्य के पद पर कार्यरत था। मृतक दुर्गा प्रसाद का जमीन रामपुर में है, वह पत्नी एवं बच्चों के साथ गांव आया था और तड़के महुआ बिनने के लिए खेत में गया था। दंतैल हाथी के आसपास होने का उसे आभास नहीं हो पाया और हाथी उसे कुचलकर मार दिया।
चक्काजाम की सूचना पर पहुंचे अधिकारी
हाथी के हमले में दो लोगों की मौत से भड़के ग्रामीणों ने मंगलवार की सुबह छतवा में डिप्टी रेंजर कार्यालय के सामने चक्काजाम करके आक्रोश प्रदर्शन कर रहे थे। इसकी सूचना पर रेंजर संतोष पांडेय एवं एसडीओपी बाजीलाल सिंह टीम के साथ मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों का आरोप है कि सूचना देने के बाद भी वन विभाग की टीम रात को मौके पर नहीं पहुंची। सूचना के बाद भी हाथियों की निगरानी नहीं की जा रही है, जिससे दो लोगों की जान चली गई। काफी समझाइश के बाद ग्रामीणों ने चक्काजाम समाप्त किया। एहतियात के तौर पर वन विभाग ने अंधेरे में ग्रामीणों को घर से नहीं निकलने एवं जंगल में नहीं जाने की सलाह दी है। हाथियों की मौजूदगी से स्कूली बच्चे भी सहमे हुए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि गांव के बाहर हाथियों की निगरानी भी की जा रही है।

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