वारिसान के नाम का प्रस्ताव बनाने वन विभाग के बाबू ने लिया 10 हजार
जमीन का जांच करके चौहद्दी बनाने पटवारी ने लिया 15 हजार
मंडल निरीक्षक ने चौकीदार/रसोईया को पुन: सेवा में लेने लिया 1 लाख
अंबिकापुर। एंटी करप्शन ब्यूरो ने तीन अलग-अलग प्रकरणों में लोकसेवकों को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। इनमें सूरजपुर जिले से पटवारी, तहसील कार्यालय का बाबू और छत्तीसगढ़ के सक्ती जिला अंतर्गत आदिवासी विकास विभाग का मंडल निरीक्षक शामिल हैं।
जानकारी के मुताबिक शिवचरण कुमार ग्राम पोड़ी, तहसील प्रतापपुर जिला सूरजपुर के द्वारा एसीबी अंबिकापुर में शिकायत की गई थी कि उसके भाई की मृत्यु दंतैल हाथी के हमले में होने से शासन से मिलने वाले हाथी क्षतिपूर्ति मुआवजा राशि 6 लाख रुपये प्राप्त करने के लिए उसके द्वारा वन विभाग प्रतापपुर में आवेदन किया गया था। इसके पश्चात मृतक के वारिसान के नाम, प्रस्ताव हेतु वन विभाग द्वारा तहसील कार्यालय प्रतापपुर से जानकारी मांगी गई थी। शिवचरण कुमार ने जब यहां संपर्क किया तो वहां पदस्थ बाबू बृजभान सिंह के द्वारा जानकारी भेजने के लिए 20 हजार रुपये रिश्वत की मांग की गई। आरोपी बाबू को वह रिश्वत नहीं देने के पक्ष में था और उसे रंगे हाथों पकड़वाने के लिए इसकी जानकारी एसीबी को दिया था। शिकायत सत्यापन के दौरान 10 हजार रुपये में सहमति बनी और 28 मार्च को ट्रेप आयोजित करके बाबू बृजभान सिंह को 10 हजार रुपये रिश्वत की रकम लेते हुए एसीबी की टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया। आरोपी को गिरफ्तार करके उसके विरूद्ध धारा 7 पीसीएक्ट 1988 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की गई है।
सूरजपुर में पटवारी रिश्वत लेते गिरफ्तार
सूरजपुर जिला के प्रतापपुर थाना अंतर्गत ग्राम गोविंदपुर निवासी राजेश कुमार सिंह ने एसीबी कार्यालय अंबिकापुर में शिकायत की थी कि उसके द्वारा लगभग 13000 वर्गफुट जमीन खरीदने हेतु सौदा तय किया गया था, जिसकी जांच करके चौहद्दी बनाने हेतु पटवारी गोविंदपुर मोगेन्द्र प्रताप सिंह से वह मिला। उनके द्वारा 15 हजार रुपये रिश्वत की मांग की गई थी। रुपये के बिना काम अटकने से परेशान होकर वह इसकी शिकायत एसीबी के अधिकारी से किया था। शिकायत के सत्यापन पश्चात एसीबी अंबिकापुर द्वारा ट्रेप आयोजित कर 28 मार्च को 15 हजार रुपये रिश्वत की रकम के साथ पटवारी मोगेन्द्र प्रताप सिंह को रंगे हाथों पकड़ा गया। आरोपी को गिरफ्तार करके उनके विरूद्ध धारा 7 पीसीएक्ट 1988 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई कार्यवाही की जा रही है।
मंडल निरीक्षक 1 लाख रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार
एंटी करप्शन ब्यूरो बिलासपुर में राजेंद्र जांगड़े, निवासी ग्राम कुटराबोड़ ने शिकायत की थी कि उसका पुत्र अनुसूचित जाति बालक आश्रम कुटराबोड़ में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में चौकीदारी, रसोइया का कार्य करता है। छात्रावास में लगे इलेक्ट्रिक बोर्ड को अज्ञात लोगों ने तोड़ दिया था, जिस कारण उसके बेटे को हटा दिया गया था। प्रार्थी द्वारा आदिवासी विकास विभाग जिला सक्ती के जैजैपुर कार्यालय में पदस्थ मंडल निरीक्षक संदीप खांडेकर से संपर्क करके उसे पुन: सेवा में लेने का आग्रह किया तो इसके एवज में 1.50 लाख रुपये रिश्वत की मांग की गई थी। वह रिश्वत देने के पक्ष में नहीं था और इसकी शिकायत करने एसीबी कार्यालय बिलासपुर पहुंच गया। शिकायत सत्यापन के दौरान एक लाख रुपये में सहमति बनी। आरोपी के द्वारा प्रथम किश्त के रूप में 50 हजार रुपये रिश्वत ले लिया गया था। 28 मार्च को आरोपी मंडल निरीक्षक संदीप खांडेकर को बची हुई राशि 50 हजार रुपये देने के लिए प्रार्थी राजेंद्र जांगड़े पहुंचा और एसीबी की टीम ने उन्हें रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया। आरोपी को गिरफ्तार कर उनके विरूद्ध धारा 7 पीसीएक्ट 1988 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जा रही है।

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