बेटी की मौत के बाद बच्ची से नहीं मिलने दे रहे थे, कोर्ट ने हर मंगलवार को मिलने की दी थी अनुमति
अंबिकापुर। न्यायालय के आदेश पर नतनिन से मिलने बेटी के ससुराल गए नाना-नानी पर जानलेवा हमला करने का मामला प्रकाश में आया है। घायलों को अस्पताल लेकर आने के बाद यहां भी दोनों पक्षों के बीच मारपीट की नौबत बन गई, जिससे काफी देर तक गहमागहमी बनी रही। घायलों का मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उपचार चल रहा है।
जानकारी के मुताबिक नवागढ़ निवासी महबूब अंसारी की पुत्री जाकिया का विवाह लगभग 4 वर्ष पूर्व अयान मार्ग निवासी आदिल खलीफा पिता मुजाहिद खलीफा 28 वर्ष से हुआ था। दोनों के दांपत्य जीवन के बीच पुत्री का जन्म हुआ। इसके बाद जाकिया की बीमारी से मौत हो गई थी। बेटी की मौत के बाद लगभग दो वर्ष से नाना-नानी महबूब अंसारी 53 वर्ष और सलामुन अंसारी 45 वर्ष अपनी नतनिन से मिलने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन बच्ची से उन्हें मिलने नहीं दिया जा रहा था। ऐसे में मामला कुटुम्ब न्यायालय के संज्ञान में उन्होंने लाया था। न्यायालय के द्वारा प्रत्येक मंगलवार को ढाई वर्ष की हो चुकी बच्ची से नाना-नानी को मिलने की अनुमति दी गई थी। न्यायालय के आदेश पर नतनिन से मिलने के लिए महबूब अंसारी और उनकी पत्नी सलामुन अंसारी, मंगलवार को शाम लगभग 4 बजे अपनी दिवंगत बेटी के अयान मार्ग स्थित ससुराल में गए थे। महबूब अंसारी का आरोप है कि इसी दौरान आदिल खलीफा के अलावा परिवार के अन्य सदस्यों ने उन पर रॉड सहित अन्य चीजों से हमला कर दिया, जिससे वे बेहोश हो गए थे। इसकी जानकारी जब उनके पुत्र रूहुल अमीन को मिली तो वह मौके पर पहुंचा, यहां उसके साथ भी मारपीट की गई, जिसमें वह घायल हो गया था। सूचना मिलने पर मौके पर पुलिस पहुंची और घायल महबूब अंसारी, सलामुन और रूहुल को मेडिकल कॉलेज अस्पताल लेकर चिकित्सकीय परीक्षण कराने पहुंचे। यहां दोनों पक्ष के लोगों का जमघट लग गया और विवाद के साथ ही मारपीट की स्थिति बन गई। मौके पर मौजूद कोतवाली और पुलिस सहायता केंद्र की पुलिस ने मोर्चा संभाला। बताया जा रहा है दूसरे पक्ष के लोगों को मामूली चोटें आई है, रोजा रखे दंपति और उनके पुत्र को गंभीर चोटें आई हैं।
अस्पताल परिसर में भी मारपीट
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में घायलों को लेकर पुलिस पहुंची, इधर दोनों पक्षों के लोग भी अस्पताल पहुंच गए थे। अचानक दोनों पक्षों के लोगों के बीच अस्पताल परिसर में मारपीट की नौबत बन गई। हमले से बचने के लिए लोग इधर-उधर दौड़ लगाने लगे, जिससे अस्पताल परिसर में मौजूद मरीजों के स्वजन भी दहशत में आ गए। लगभग आधे घंटे तक ऐसी परिस्थिति बनी रही। आपातकालीन चिकित्सा परिसर में घायलों को इलाज के लिए पहुंचाने के बाद पुलिस गेट पर सख्ती से तैनात हो गई, और अनावश्यक लोगों का प्रवेश वर्जित कर दिया।
