मर्ग जांच में सामने आया कि लोन अदायगी के लिए आया था फोन, बाद में गिरफ्तारी के लिए पुलिस भेजने की मिली धमकी
अंबिकापुर। गांधीनगर थाना क्षेत्र के ग्राम मुड़ेसा पखनाबांध, नाला के पास पेड़ में एक ग्रामीण का शव वर्ष 2022 में लटका मिला था। पुलिस ने मामले में मर्ग कायम करके जांच में लिया था। जांच में सामने आया कि कथित दिल्ली क्राइम ब्रांच की पुलिस के द्वारा लोन का रकम अदा करने दबाव बनाया गया, जिससे परेशान होकर युवक अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया। इसके बाद दूसरे मोबाइल में कॉल करके पुलिस पार्टी को गिरफ्तारी के लिए भेजने की बात कही गई थी, जिससे भयभीत होकर वह खुदकुशी जैसा कदम उठा लिया था। मामले में पुलिस ने मोबाइल धारकों के विरूद्ध खुदकुशी के लिए दुष्प्रेरित करने का मामला दर्ज कर लिया है।
जानकारी के मुताबिक माध्यमिक शाला फतेहपुर में भृत्य के पद पर पदस्थ बाबूलाल पिता स्व. जानकी राम 28 वर्ष ़अपने घर से 30 दिसम्बर 2022 को 11 बजे बिना बताए कहीं चले गया था। 01.01.2023 को पड़ोस में रहने वाले मन्टू वैष्णव एवं राम मोहन राजवाड़े, पिन कुमार, बाबूलाल को खोजने निकले थे, इस दौरान सुबह 10 बजे के करीब पिन कुमार राजवाड़े फोन करके अपने पिता चैनसाय को बताया कि बाबूलाल का शव मुड़ेसा पखनाबांध नाला के पास जामुन पेड़ में फांसी पर लटका हुआ है। इसके बाद मौके पर मृतक के स्वजन पहुंचे और शव को पहचाना। इसकी सूचना गांधीनगर थाना में दी गई थी, जिस पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को मौका पंचनामा करने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेजा था, जिसमें मृत्यु फांसी लगाने के कारण दम घुटने से होना पाया गया। इसके पहले पुलिस ने मृतक के भाई ओमप्रकाश राजवाड़े के रिपोर्ट पर गुम इंसान का मामला कायम किया था। मर्ग जांच के दौरान मृतक के भाई ओमप्रकाश राजवाड़े ने अपने बयान में पुलिस को बताया कि 30.12.2022 व 31.12.2022 को मोबाइल में अज्ञात लोगों ने कई बार फोन करके अपना परिचय दिल्ली क्राइम ब्रांच पुलिस के रूप में दिया और कहा कि बाबूलाल को लोन का रुपये जमा करना है, लेकिन वह बातचीत होने के बाद भी अपना मोबाइल बंद कर दिया है, जिस कारण पुलिस पार्टी को गिरफ्तारी के लिए भेजा जा रहा है। इसके बाद ओमप्रकाश अपने भाई बाबूलाल के बारे में पता किया तो सामने आया कि वह घर से बिना कुछ बताए हड़बड़ाते हुए मोटरसायकल क्रमांक सीजी 15 सीएक्स 6120 से निकला था, इसके बाद वापस घर नहीं लौटा। पतासाजी के दौरान उसका शव फांसी पर लटके मिला था। स्वजन ने मृतक के मोबाइल को चेक किया तो उसमें किसी मोबाइल धारक से बातचीत होना पाया गया। पुलिस ने विवेचना में पाया कि मृतक बाबूलाल राजवाड़े के मोबाइल नंबर पर अज्ञात लोगों ने फोन करके लोन का रकम वापस करने लगातार धमकी दी और पुलिस बल भेजकर गिरफ्तार करने की बात कहकर प्रताड़ित किया था, इसी डर से वह फांसी लगाकर खुदकुशी करने जैसा कदम उठा लिया। मामले में पुलिस ने धारा 306 भादंसं का अपराध अज्ञात मोबाइल धारक के विरूद्ध कायम किया है।
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