बांग्लादेश में पिछले साल जुलाई-अगस्त में छात्रों के प्रदर्शन के बाद तख्तापलट हुआ था. इस प्रदर्शन में कई लोगों की जानें गई थी. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार (UN Human Rights) ने बुधवार (12 फरवरी 2025) को तत्कालीन शेख हसीना सरकार पर प्रदर्शनकारियों पर हमले और हत्या करने की साजिश करने का आरोप लगाया. यूएन ने अनुमान लगाया है कि शेख हसीना के खिलाफ विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर एक्शन के दौरान करीब 1400 लोग मारे गए.

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में विस्तार से बताया गया है कि कैसे सरकार ने अवामी लीग पार्टी और सुरक्षा सेवाओं के हिंसक तत्वों के साथ मिलकर प्रदर्शनकारियों और अन्य नागरिकों पर हमला किया. यूएन ने कहा कि सुरक्षा और खुफिया सेवा के अधिकारों के उल्लंघन में शामिल रहीं शेख हसीना के खिलाफ जांच किए जाने की जरूरत है.

हिंसा फैलाने में शेख हसीना का हाथ- UN

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के अनुरोध पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार के फैक्ट फाइंडिंग टीम को जांच के लिए बांग्लादेश बुलाया गया. यूएन ने दावा किया कि 230 से अधिक इंटरव्यू और डॉक्यूमेंट के आधार पर की गई जांच से पता चला कि बांग्लादेश में फैली हिंसा को दौरान सुरक्षाबलों ने शेख हसीना के प्रशासन का लगातार समर्थन किया था.

बांग्लादेश में 1400 लोगों की हुई मौत- यूएन

यूएन की रिपोर्ट में 45 दिनों में लगभग 1,400 लोगों के हताहत होने का अनुमान लगाया गया है. अधिकांश मौतों के लिए सुरक्षा बलों को जिम्मेदार ठहराया गया, जिसमें 12-13 फीसदी बच्चे थे. संयुक्त राष्ट्र के अधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने इसे सत्ता बनाए रखने की एक सोची-समझी रणनीति बताया. उन्होंने कहा कि प्रदर्शन के दौरान न्यायिक हत्याएं, मनमानी गिरफ्तारियां हुई थी. बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्रिब्यूनल (आईसीटी) ने पिछले महीने शेख हसीना और पूर्व सैन्य जनरलों और एक पूर्व पुलिस चीफ सहित 11 अन्य के खिलाफ वारंट जारी किया था.

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