अंबिकापुर। तत्कालीन उपसंचालक पशुधन विकास विभाग सूरजपुर डॉक्टर लल्लन ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में जेम पोर्टल से खरीदे गए दवा एवं उपकरणों में की गई अनियमितता के संबंध में डीके सोनी ने 9/8/2019 को प्रमुख सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त छत्तीसगढ़ शासन रायपुर के समक्ष शिकायत आवेदन प्रस्तुत किया था। इसमें कार्यालय उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं जिला सूरजपुर द्वारा 28/7/2021 को जांच किया गया। उक्त जांच में लगाए गए सभी आरोप प्रमाणित पाए गए। जांच प्रतिवेदन में उल्लेख किया गया कि उपसंचालक द्वारा सीधे दो फार्म से दवा एवं उपकरणों की खरीदी जेम के माध्यम से कर ली गई, जेम पोर्टल के नियमों की अवहेलना की गई एवं बिडिंग नहीं करवाई गई। इसके कारण उच्च दरों पर दवाई एवं उपकरण क्रय करते हुए शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई गई। उदाहरण स्वरूप मिनिरल मिक्चर एनआयोनिक रुपये 450 प्रति किलो की दर से खरीदा गया जबकि यह बाजार में 175-200 रुपये प्रति किलो की दर से उपलब्ध है। कार्यालय में उपलब्ध दस्तावेजों की परीक्षण से स्पष्ट है कि जेम पोर्टल से दवाओं एवं उपकरणों का क्रय केवल दो स्थानीय फॉर्म नलिन मेडिकल स्टोर सूरजपुर एवं जिंदल जनरल ऑर्डर सप्लायर सूरजपुर से किया गया। उक्त दोनों फर्म जेम पोर्टल से रजिस्टर्ड हैं, ई कोस के वेंडर डिटेल में दोनों फर्मों का रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर एक ही है तथा दोनों फर्मो का पोस्टल पता एक ही है। इससे स्पष्ट होता है कि दोनों फर्म एक ही व्यक्ति का है। अभिलेखों के प्रशिक्षण में पाया गया कि दोनों फर्मों का सेलर इनवॉइस नंबर का पैटर्न भी एक जैसा एवं लगभग क्रमानुसार है। दस्तावेजों से यह भी स्पष्ट है कि उक्त खरीदी हेतु जेम पोर्टल पर बिडिंग नहीं करवाई गई है एवं सीधे उक्त दोनों फर्मों का उनके द्वारा तय भाव दरों का कार्यादेश जारी कर दिया गया, जिसके कारण जेम में पशु औषधीय एवं उपकरणों हेतु अन्य रजिस्टर्ड विक्रेताओं द्वारा अपना भाव दर प्रस्तुत नहीं कर पाए, जिसके कारण उच्च दरों पर दवा एवं उपकरणों की खरीदी पाई गई एवं शासन को इस खरीदी में आर्थिक क्षति हुआ है। अभिलेखों में परीक्षण पर पाया गया कि मिल्कोमिन फोर्ट एनआयनिक मिनिरल मिक्वचर कुल राशी रुपये 11,19,126 रुपये चार अलग-अलग दरों 442, 449, 445 एवं 450 प्रति किलो की दर से क्रय किया गया। स्थानीय दवाई मार्केट में उक्त मिनिरल मिक्चर रुपये 180 प्रति किलो की दर से उपलब्ध है, जिससे स्पष्ट है कि एनआयनिक मिनिरल मिक्चर बहुत उच्च दरों में क्रय किया गया है, इससे शासन को बहुत ज्यादा आर्थिक क्षति हुई है। सप्लायर द्वारा प्रस्तुत बिलों में दवाइयों का बैच नंबर, मेनूफैक्चरिंग तिथि, एक्सपायरी तिथि एवं पैकेजिंग की मात्रा नहीं लिखी गई है, जिससे पूरी प्रक्रिया को संदेहास्पद बनाता है। अभिलेखों का जांच करने पर पाया गया कि एक ही सामग्रियों, औषधियों, के छोटे-छोटे मात्रा में कई आदेश जारी किए गए हैं जिससे शिकायत की पुष्टि होती है। पूरी खरीदी प्रक्रिया में किसी भी औषधि उपकरण की तुलनात्मक सारणी नहीं बनाई गई अत: शिकायत में लगाए गए आरोप की पुष्टि होती है। प्रस्तुत बिलों में जीएसटी नंबर का उल्लेख नहीं है एवं जो जीएसटी का भुगतान किया गया वह शासक के खाते में जमा कराई गई या नहीं उसका प्रमाण नहीं लिया गया। अभिलेखों का अवलोकन पर यह भी पाया गया कि वर्ष 2018-19 में मैदानी संस्थानों में उपयोग किए जाने वाले पशु उपचार की एलोपैथिक औषधियां, एंटीबायोटिक, एनालजेसिक, एंटीपायोरेटिक, एंटीहिस्तामीन इत्यादि की बिल्कुल भी खरीदी नहीं की गई। उक्त वित्तीय वर्ष आयुर्वेदिक औषधियां ही क्रय किया गया जो कि शासन द्वारा जारी औषधि क्रय संबंधित दिशानिर्देश के विपरीत है। उक्त सभी बिंदुओं पर छत्तीसगढ़ महालेखाकार के ऑडिट रिपोर्ट में भी आपत्तियां दर्ज की गई। इसके आधार पर अवर सचिव छत्तीसगढ़ शासन पशुधन विकास विभाग के द्वारा दिनांक 4 अगस्त2023 को संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं रायपुर को पत्र लिखते हुए डॉक्टर लल्लन सिंह तत्कालीन उपसंचालक सूरजपुर के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही किए जाने का निर्णय भी लिया किया गया है। इससे यह प्रमाणित है कि तत्कालीन उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं सूरजपुर डॉक्टर लल्लन सिंह एवं प्रोपराइटर मे. जिंदल जनरल ऑर्डर सप्लायर एवं प्रोपराइटर नलिन मेडिकल स्टोर के साथ सुनियोजित तरीके से षड्यंत्र कर फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेज तैयार का शासकीय राशि का गबन किया गया है एवं जीएसटी एवं सीएसटी की लाखों रुपयों की भी चोरी की गई है। मामले में आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने की तैयारी डी.के. सोनी के द्वारा की जा रही है।

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