मामला महामाया पहाड़ से अतिक्रमण हटाने से जुड़ा, एसडीएम ने कहा-वन विभाग किया कार्रवाई
पुनर्वास की भूमि या अटल आवास आबंटित करने व प्रत्येक परिवार को 2.50 लाख रुपये आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग
अंबिकापुर। महामाया पहाड़ नवागढ़ में अतिक्रमण हटाने के बाद बेघर हुए परिवार के महिला-पुरुष व बच्चे मंगलवार को हाथों में तख्ती लिए जुलूस के शक्ल में कलेक्टोरेट पहुंच गए। मौके पर पहले से मौजूद पुलिस बल ने कलेक्टोरेट के गेट पर ही बैरिकेडिंग करके सभी को रोक लिया। बाद में आचार संहिता का हवाला देकर प्रतिनिधिमंडल में पांच लोगों को कलेक्टोरेट के अंदर प्रवेश करने दिया गया। कुछ देर तक प्रभावित परिवारों ने जमकर नारेबाजी की। पुलिस की समझाइश के बाद ज्ञापन देकर सभी वापस लौट गए। मकानों को जमींदोज करने से बेघर हुए पीड़ितों ने अटल आवास या फिर पुनर्वास के लिए भूमि प्रदान करने के साथ ही आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग सरगुजा कलेक्टर के नाम प्रेषित आवेदन में की है।
नवागढ़ से नारेबाजी करते निकले प्रभावित परिवार ने प्रेषित आवेदन में बताया है कि वनमंडलाधिकारी सरगुजा के पत्र क्रमांक 17.01.2025 के आदेशानुसार वन खण्ड खैरवार, ग्राम नवागढ़ में स्थित कक्ष कमांक आरएफ 2582 में आरक्षित भूमि पर कब्जा हटाने का नोटिस चस्पा किया गया था, जिस पर 20.01.2025 को वन विभाग ने लगभग 65 मकानों को तोड़कर जमींदोज कर दिया है। उक्त मकानों में बुजुर्ग, महिला, बच्चे परिवार के साथ विगत 30 से 40 वर्ष तक काबिज होकर मकान बनाए थे। इनके द्वारा वन विभाग के द्वारा विधि विरुद्ध तरीके से कार्रवाई करने व मकान मालिकों को सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान नहीं करने और ना ही संबंधित मकानों को खाली करने का समय देने का आरोप लगाया गया है। मकान में गरीब वर्ग के लोग निवास करते थे, जो तोड़फोड की कार्रवाई से बेघर हो गए हैं। इन्हें रोजी-रोटी के साथ ही सिर पर छत नहीं रहने के कारण कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। ठंड के मौसम में खुले आसमान में जीवन व्यतीत करने के लिए वे मजबूर हो गए हैं। ऐसे हालात को देखते हुए राजस्व की टीम गठित करके पीड़ितों को नए सिरे से अन्यत्र पुनर्वास की भूमि या अटल आवास जो बनकर तैयार है, उसे आबंटित करने व उन्हे मकान बनाने के लिए कोई शासकीय जमीन आवंटन करने एवं प्रत्येक परिवार को 2 लाख 50 हजार रुपये आर्थिक सहायता प्रदान करने का आग्रह किया गया है। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि 65 परिवार में से किसी एक को भी जन-धन की हानि होती है, तो इसके लिए शासन प्रशासन जिम्मेदार होगा। रैली में जियाउल हक अंसारी, हुस्नजारा अंसारी, मुदसैर अंसारी, जियाउल्ला अंसारी, अख्तर अंसारी, शाहिद अंसारी, असलम अंसारी, इस्माइल खलीफा, जुनान अंसारी, उस्मान सहित सभी प्रभावित परिवार के महिला-पुरूष व बच्चे शामिल थे।
कार्रवाई वन विभाग की, मांगों पर करेंगे विचार
अंबिकापुर एसडीएम फागेश सिन्हा ने कहा कि प्रशासन, वन विभाग से बात कर के उनकी मांगों पर विचार करेगा। जो भी शासकीय प्रवाधान में होगा किया जाएगा। साथ ही यह भी कहा है कि कार्रवाई प्रशासन ने नहीं वन विभाग ने की है। अटल आवास की मांग पर विचार करने कहा गया। बता दें वर्षों पहले महामाया पहाड़ में हुए अतिक्रमण पर सोमवार को हुए प्रशासनिक कार्रवाई में 38 मकान तोड़े गए थे। अब प्रभावितों के समक्ष खुले में आसमान के नीचे रहने की समस्या खड़ी हो गई है। फिलहाल उच्च न्यायालय ने 5 दिन में पूरी रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है। देखना यह है कि आगे न्यायालय इनके हित में क्या कदम उठाता है। एसडीएम से मुलाकात के दौरान प्रतिनिधिमंडल में काजू खान, मुख्तार, जयाउद्दीन अंसारी, अख्तर अंसारी व तिग्गा शामिल रहे।