मामला एसईसीएल के मृत कर्मचारी के बैंक खाते से जुड़ा, सरपंच सहित सौतेली मां व पुत्र के खिलाफ केस दर्ज
अंबिकापुर। एसईसीएल में कार्यरत कर्मचारी की मृत्यु के बाद उनकी दूसरी पत्नी व दूसरी पत्नी के पुत्र ने ग्राम पंचायत के सरपंच से मिलीभगत करके मृतक की पहली पत्नी की पुत्री का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया और सेवानिवृति के बाद खाते में जमा राशि को अपने खाते में स्थानांतरण करवा लिया। मृतक नौकरी के दौरान ही पहली पत्नी को तलाक दे दिया था और अपनी पुत्री शांति का पालन-पोषण करते हुए सर्विस रिकार्ड में उसका नाम भी जुडवाया था। विवाह के बाद गंगापुर लटोरी में निवासी कर रही शांति ने भटगांव थाना में इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई है, जिस पर पुलिस ने सरपंच सहित तीनों के विरूद्ध केस दर्ज कर लिया है। थाना प्रभारी भटगांव को दिए गए आवेदन में शांति चैधरी पति कृष्णा चैधरी 44 वर्ष, निवासी ग्राम गंगापुर लटोरी, जिला सूरजपुर ने बताया है कि उसके पिता स्व.़ समय दास की दो पत्नियां इन्द्रकुंवर और लोलो देवी थीं। आवेदिका स्वयं इन्द्रकुंवर की इकलौती पुत्री है। पिता की दूसरी पत्नी, सौतेली मां लोलो देवी की पांच संतान है। शांति ने बताया है कि उसके पिता स्व. समय दास एसईसीएल महामाया खदान में एसडीसी हेल्पर के पद पर पदस्थ थे, जिनका भारतीय स्टेट बैंक शाखा भटगांव में खाता था। कोरोना काल में 29.04.2021 में उसके पिता की मृत्यु हो गई थी। मृत्यु के बाद उसके पिता के खाते में 4 लाख 98 हजार 538 रुपये था। उक्त रकम को लेने के लिए भारतीय स्टेट बैंक शाखा में जब वह गई तो शाखा प्रबंधक के द्वारा उत्तराधिकार प्रमाणपत्र दिखाने के लिए कहा गया। इस बीच जब वह सिविल कोर्ट सूरजपुर गई तो वहां से जानकारी दी गई कि मृत्यु के छह माह तक उत्तराधिकार प्रमाणपत्र नहीं मिलेगा। इधर उसके पिता की दूसरी पत्नी लोलो देवी और उसका पुत्र संतोष कनेडिया ने ग्राम पंचायत के सरपंच होरीलाल से मिलकर फर्जी ग्रामसभा प्रस्ताव, मृत्यु प्रमाण-पत्र बनवा लिया, जिसमें लोलो ने अपनी पुत्री सुमन व स्वयं उसका नाम दर्ज नहीं कराया और इसी प्रमाण-पत्र के आधार पर बैंक मैनेजर से लोलो देवी ने 23.08.2021 को अपने खाता में 4 लाख 98 हजार 538 रुपये भी ट्रांसफर करा लिया। जबकि उसके पिता के एसईसीएल खदान के सर्विस रिकार्ड में उल्लेखित किए गए नामिनी में उसका (शांति) नाम दर्ज है। जब वह अपनी सौतेली मां लोलो देवी व उनके पुत्र संतोष कनेडिया, ग्राम सरपंच होरीलाल से पूछताछ की तो इनके द्वारा स्वर्गीय पिता के खाते से पैसा निकालना स्वीकार किया और उसमें से रकम देने सं इन्कार कर दिया। रिपोर्ट पर पुलिस ने सौतेली मां, सौतेले भाई व ग्राम सरपंच के विरूद्ध धोखाधड़ी करना पाए जाने पर धारा 420, 34 का अपराध दर्ज कर लिया है।