मामला शहर के महामाया पहाड़ में अतिक्रमण करके बनाए गए मकानों से जुड़ा
अंबिकापुर। शहर के महामाया पहाड़ में अतिक्रमण हटाने के लिए वन विभाग की ओर से जहां एक ओर नोटिस घर-घर जाकर थमाने और चस्पा करने से यहां निवास करने वालों की नींद उड़ गई है। वन विभाग ने लगभग 182 लोगों को नोटिस जारी कर अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया है, विभाग ने इसके लिए 24 घंटे का समय दिया है। महामाया पहाड़ पर अतिक्रमण का मुद्दा पिछले कई वर्षों से चल रहा है। इस संबंध में भाजपा नेता के द्वारा की गई शिकायत पर जांच के बाद 468 लोगों के द्वारा अतिक्रमण करने की पुष्टि हुई थी, 60 अतिक्रमणकारियों को बेदखली का नोटिस भी जारी किया गया था, लेकिन अतिक्रमण नहीं हटा। इधर प्रशासन के अधिकारियों ने भी मौके का निरीक्षण किया है। विश्वस्त सूत्र तीन दिन के अंदर अतिक्रमण हटाने का संकेत दे रहे हैं।
नगरीय निकाय का चुनाव सिर पर है, इधर मां महामाया मंदिर के ऊपर स्थित पहाड़ में बसे स्थानीय व बाहरी लोगों के द्वारा किए गए अतिक्रमण का मुद्दा गरमा गया है। खैरबार, बधियाचुआं, नवागढ़ इलाके से लगे वन क्षेत्र में वर्षों से अवैध कब्जे की शिकायत पर वर्ष 2017 में जांच के बाद 60 कब्जा करने वालों को बेदखली का नोटिस जारी किया था, पर अतिक्रमण नहीं हटा, इसके पीछे कारण राजनीतिक दबाव को माना जा रहा है। इसके बाद यहां अतिक्रमण में तेजी आई। वर्ष 2022 में भाजपा नेता आलोक दुबे ने अतिक्रमण का मामला उठाया था। शिकायत पर जिला प्रशासन ने मामले की जांच कराई थी। जांच में 468 लोगों द्वारा अतिक्रमण करने की बात सामने आई थी, विभाग ने 60 लोगों को बेदखली की नोटिस भी जारी किया था। इनका अतिक्रमण हटाने वन विभाग द्वारा फोर्स की मांग भी की गई थी, लेकिन कथित रूप से राजनीतिक दबाव के कारण वर्ष 2022 में अतिक्रमण नहीं हट पाया था। वर्ष 2023 में प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद भाजपा नेता ने मां महामया पहाड़ पर अतिक्रमण की शिकायत मुख्यमंत्री से की थी। 15 जनवरी को प्रदेश के वन मंत्री केदार कश्यप सरगुजा प्रवास पर थे, उन्होंने वन विभाग के संभागीय बैठक ली थी। बैठक में डीएफओ को महामाया पहाड़ से अतिक्रमण खाली नहीं कराए जाने की बात पर मंत्री ने कड़ी फटकार भी लगाई थी। मंत्री ने हर हाल में 60 घरों को तोड़ने के निर्देश उन्हें दिए थे। इसके लिए डीएफओ को अपै्रल तक का समय दिया गया है। मंत्री के निर्देश के दूसरे दिन ही वनमंडलाधिकारी ने अतिक्रमण हटाने का नोटिस थमा दिया है।
राजस्व व नजुल भूमि के अलावा पट्टे की भूमि में बने मकान स्वामियों को भी नोटिस देने का आरोप
बेदखली की नोटिस वर्ष 2022 में 60 अतिक्रमणकारियों को दिया गया था, ये सभी बचाव में हाईकोर्ट तक गए थे, पर यहां से इन्हें राहत नहीं मिली थी। पूर्व में महामाया पहाड़ पर अतिक्रमण को लेकर भाजपा नेता आलोक दुबे के द्वारा की गई शिकायत पर सरगुजा वनमंडल के तत्कालीन डीएफओ ने महामाया पहाड़ का सर्वे कराया था, सर्वे में कक्ष क्रमांक 2581 और 2582 में कुल 468 लोगों का अवैध कब्जा पाया गया था, उन्हें भी नोटिस जारी किया गया था। कांग्रेस नेता शफी अहमद ने कहा वन विभाग के द्वारा आनन-फानन में नोटिस देकर अतिक्रमण हटाने के लिए 24 घंटे का समय दिया है। नोटिस सिर्फ वन भूमि में अतिक्रमण करने वालों को नहीं मिला बल्कि नजुल व राजस्व भूमि पर मकान बनाकर रहने वाले व पट्टे की जमीन पर बने मकान स्वामियों को भी मिला है। जिन्होंने बड़ी भूमि पर कब्जा करके मकान, प्रतिष्ठान बनाया गया है, उन्हें नोटिस नहीं देने को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। गरीबों की आह का खामियाजा भाजपा को नगरीय निकाय के चुनाव में भुगतना पड़ेगा।

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