ओबीसी महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष व सरगुजा संभाग प्रभारी ने की पत्रकारों से चर्चा
अंबिकापुर। ओबीसी महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष व सरगुजा संभाग प्रभारी परशुराम सोनी ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि आजादी के बाद से ओबीसी वर्ग के लोगों का प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से शोषण हुआ है। 1993 में आरक्षण मिलने के बाद भी उनकी स्थिति यथावत है। पूर्ववर्ती सरकार ने ओबीसी समुदाय के लोगों को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया था, जो राज्यपाल के पास लंबित है। देश में डबल इंजन की सरकार है, लेकिन ओबीसी वर्ग के लोगों पर किसी का ध्यान नहीं है। सरकार इस वर्ग के लोगों को न्याय से वंचित करने में लगी है। उनकी मांग है कि ओबीसी वर्ग के लोगों को दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति से उबारने के लिए एसटी-एससी वर्ग की तरह आरक्षण दिया जाए, ताकि वे अपने जीवनशैली में बदलाव ला सकें। अगर उनकी बातों को सरकार ने अनसुना किया तो वे धरना-प्रदर्शन, चक्काजाम करके अपनी बातों की ओर सरकार का ध्यान दिलाएंगे। इसके बाद भी बात नहीं बनी तो उनके पास अंतिम विकल्प चुनाव को प्रभावित करने का होगा, वे आने वाले चुनाव का बहिष्कार करेंगे। पूर्व में उनके द्वारा सरकार तक पहुंच कर और प्रशासन के माध्यम से कई बार ज्ञापन सौंपकर संख्या के अनुरूप उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने का कई बार आग्रह किया है, लेकिन इसे नजरअंदाज करने का काम सरकार कर रही है। भाजपा प्रेसवार्ता करके इस मसले पर कानून का दुहाई देने में लगी है और उन्हें उपेक्षित किया जा रहा है। सरकार अध्यादेश जारी करके ओबीसी का आरक्षण छीन रही है, जो समाज के साथ अन्याय है। परशुराम सोनी ने आरोप लगाया कि जब मुख्यमंत्री बैठक ले रहे थे, तो कैबिनेट मंत्रियों ने ओबीसी वर्ग के हित में कुछ बोलना भी उचित नहीं समझा। उन्होंने कहा कि अगर आरक्षण की प्रक्रिया को पूर्ण करने में किसी प्रकार का अवरोध है, तो इसका दलगत राजनीति से दूर सभी दलों के साथ बैठकर समाधान निकालना चाहिए। पत्रकारों से चर्चा के दौरान ओबीसी महासभा के प्रदेश सचिव सुभाषचंद्र साहू, जिला अध्यक्ष सोनी समाज कृष्णा कुमार सोनी, कुन्दन सोनी, राजू राजवाड़े, सुमर दास, इन्दु कश्यप, रश्मि सोनी, ममता सोनी, मालती यादव उपस्थित थे।