आरएसएस की स्थापना शताब्दी वर्ष में शाखा संगम कार्यक्रम संपन्न
अंबिकापुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के शताब्दी वर्ष में स्वामी विवेकानंद के जयंती पर शाखा संगम कार्यक्रम का आयोजन अंबिकापुर में किया गया। इस शाखा संगम में जिले के सभी 64 मंडलों एवं 20 बस्तियों की 100 शाखाओं की सहभागिता रही। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सह प्रान्त कार्यवाह गोपाल यादव ने अपने उद्बोधन में कहा कि संघ 100 वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। विश्व में शायद ही कोई संगठन हो जो अपने स्थापना समय से ही निर्धारित किए गए लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में सफलता पूर्वक आगे बढ़ता गया हो। शाखा से संस्कारित स्वयंसेवक समाज परिवर्तन के कार्य में पूर्ण मनोयोग से प्रयत्नशील हंै। संघ के स्वयंसेवक बिना किसी शोरगुल के अपना कार्य सम्पादित करते हैं। तेरा वैभव अमर रहे मां हम दिन चार रहे न रहे, इस ध्येय को आत्मसात कर व्यवहार रूप में प्रदर्शित करते हैं यह संस्कार उन्हें शाखा से मिलता है। इसीलिए कहा जाता है संघ अर्थात शाखा, शाखा अर्थात कार्यक्रम, कार्यक्रम अर्थात संस्कार, इसलिए संघ की जीवनी शक्ति का स्त्रोत शाखा है। संघ अपने अनेक पड़ाव को पार करते हुए विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक एवं सामाजिक संगठन के रूप में प्रतिष्ठित है। जिला प्रचारक जीतेन्द्र शर्मा ने प्रस्तावना में कहा कि यह शाखा संगम शताब्दी वर्ष में संगठन के विस्तार एवं दृढ़ीकरण का प्रारंभिक चरण है। हमें 100 वर्ष पूर्ण होने पर प्रत्येक मंडल पर विजयादशमी में 100 गणवेश धारी स्वयंसेवकों का संचलन करने सहित, आगामी विभिन्न चरणबद्ध कार्यक्रमों की प्रारंभिक जानकारी दी। साथ ही शताब्दी वर्ष में स्वयंसेवकों से समय का समर्पण बढ़ाने का आग्रह किया। कार्यक्रम का संचालन जिला कार्यवाह सम्पत चंदेल ने किया। इस अवसर पर विभाग संघ संघ चालक जलजीत सिंह, जिला संघ चालक भगवान दास बंसल, प्रान्त के मुख्य मार्ग प्रमुख गौरांगों सिंह, विभाग कार्यकारिणी, जिला कार्यकारिणी, नगर एवं खंड कार्यकारिणी सहित हजारों की संख्या में स्वयंसेवक उपस्थित रहे।