बिलासपुर । भिलाई के कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव के खिलाफ छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में आदर्श आचरण संहिता उल्लंघन का मामला चल रहा है। भाजपा प्रत्याशी और पूर्व विधायक प्रेम प्रकाश पांडेय ने चुनाव याचिका दायर कर विधायक यादव के निर्वाचन को रद्द करने की मांग की है।
यह मामला हाई कोर्ट की सिंगल बेंच में सुनवाई के लिए पेश हुआ। कोर्ट ने विधायक यादव के अधिवक्ता से नाराजगी जताते हुए कहा कि अब तक शपथ पत्र के साथ जवाब क्यों नहीं दाखिल किया गया। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्हें पहले ही कई अवसर दिए जा चुके हैं।कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि यह अंतिम अवसर है, और अगर तय समय में जवाब दाखिल नहीं किया गया तो मामले की सुनवाई सीधे शुरू कर दी जाएगी।
जेल में होने का दिया गया तर्क
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि विधायक यादव फिलहाल जेल में हैं, जिससे उनके वकीलों को उनसे मुलाकात करने में कठिनाई हो रही है। इस कारण जवाब दाखिल करने में देरी हो रही है।
हालांकि, इस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने आपत्ति जताई और कहा कि विधायक के वकील जेल में उनसे कई बार मुलाकात कर चुके हैं। उन्होंने कोर्ट को उन आठ तारीखों का हवाला भी दिया, जिन पर मुलाकात की पुष्टि हुई है।
कोर्ट की नाराजगी
वकीलों की दलील और तिथियों की जानकारी के बाद कोर्ट ने विधायक यादव के पक्ष की झूठी दलील पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि यह अंतिम अवसर है और विधायक को 10 दिन में जवाब दाखिल करना होगा। अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 22 जनवरी की तारीख तय की है।
भाजपा प्रत्याशी प्रेम प्रकाश पांडेय ने आरोप लगाया है कि चुनाव प्रचार के दौरान विधायक देवेंद्र यादव ने आदर्श आचरण संहिता का उल्लंघन किया था। इस याचिका में उनके निर्वाचन को रद्द करने की मांग की गई है।
आगे की प्रक्रिया
अब विधायक यादव के वकीलों को 10 दिनों के भीतर शपथ पत्र के साथ जवाब दाखिल करना होगा। यदि ऐसा नहीं होता, तो कोर्ट बिना जवाब के मामले की सुनवाई शुरू करेगी।