*कंपनी ने एक सप्ताह का समय ट्रायल के दौरान आने वाले व्यवधान का अध्ययन करने के लिए मांगा*
अंबिकापुर। राजमाता श्रीमति देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध अस्पताल को मिली एमआरआई मशीन का ट्रायल शुरू हो गया है। अभी तक 15 केस ट्रायल किए गए हैं और कांट्रास्ट भी किया गया है। 1.5 टेस्ला की एमआरआई मशीन 14 करोड़ रुपये की लागत से खरीदी गई है। मशीन आने के बाद इसका सेटअप तैयार करने में लम्बा समय लगा, लेकिन चिकित्सालय प्रबंधन के द्वारा इस मशीन को जनोपयोगी बनाने की पहल में तेजी लाने से इसका पूरी तरह से मरीजों को लाभ मिलने लगेगा। कंपनी की ओर से एक सप्ताह का और समय प्रबंधन से मांगा गया है ताकि ट्रायल प्रक्रिया के दौरान सामने आने वाली कमियों को पूरी तरह से दूर किया जा सके।
बता दें कि शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध अस्पताल में एमआरआई जांच सुविधा के लिए वर्ष 2019 में पूर्ववर्ती सरकार के बदौलत स्वीकृति मिली थी। 1.5 टेस्ला की एमआरआई मशीन की लागत 14 करोड़ रुपये होने और 7 करोड़ रुपये कम पड़ने की स्थिति में मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर के प्रबंधन ने अपने मद से शेष राशि देने के लिए सहमति जताई थी। इसके बाद प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया था। इधर एसईसीएल भी अपनी 7 करोड़ की राशि में से पहली किस्त 5 करोड़ 60 लाख रुपये का चेक 14 जून 2023 को कलेक्टर के माध्यम से अस्पताल प्रबंधन को सौंपा था, लेकिन शेष राशि के लिए हाथ-पांव मारने की नौबत बन रही थी। शासन की ओर से 7 करोड़ रुपये जारी होने के बाद कम्पनी की ओर से मशीन की सप्लाई की गई। ऐसे में पांच वर्ष से अधिक लोगों को मशीन की स्थापना के लिए इंतजार करना पड़ा। अस्पताल अधीक्षक डाॅ. आरसी आर्या ने बुधवार को 1.5 टेस्ला की एमआरआई मशीन के ट्रायल की चल रही प्रक्रिया का निरीक्षण किया। एमआरआई जांच के लिए उपलब्ध चिकित्सक डाॅ. सुयश ने ट्रायल के दौरान लिए गए 15 केस की जानकारी दी। अस्पताल अधीक्षक डाॅ. आर्या ने बताया कि यहां लगाई गई मशीन नार्थ छत्तीसगढ़ की सबसे अच्छी मशीन है। इसका लाभ मरीजों को अब एक छत के नीचे मिलने लगेगा, जरूरत पड़ने पर निजी अस्पतालों की ओर दौड़ लगाने की नौबत नहीं बनेगी। डाॅ. आर्या ने मशीन स्थल के आसपास सतत निगरानी की बातों पर भी बल दिया है।
*इन संसाधनों को किया गया स्थापित*
एमआईआई मशीन को मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर के रेडियोलॉजी सेक्शन में सीटी स्कैन कक्ष के पास बनाए गए अतिरिक्त कक्ष में स्थापित किया गया है। मशीन के साथ स्कैनर, कंसोल एरिया, सीपीयू व अन्य मशीनों को स्थापित किया गया, जिसमें कई बार चोर भी रोड़ा बने। सीटी स्कैन के बाद एमआरआई मशीन की स्थापना से बढ़ने वाले विद्युत भार को देखते हुए अस्पताल परिसर में सीएसपीडीसीएल, सीजीएमएससी द्वारा दो ट्रांसफार्मर की स्थापना की गई है, ताकि इन मशीनों के लिए निर्बाध विद्युत आपूर्ति होती रहे। बिजली गोल होने की स्थिति में बाधा की स्थिति न बने इसके लिए पृथक से जनरेटर लगाया गया है।
*गरीब मरीजों को मिलेगी राहत*
शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध अस्पताल में एमआरआई मशीन की स्थापना से यहां भर्ती होने वाले गरीब मरीजों को जरूरत पड़ने पर राहत मिलेगी। आयुष्मान कार्ड से उन्हें जहां एक ओर मुफ्त एमआरआई जांच का लाभ मिलेगा, वहीं निजी अस्पतालों में एमआरआई जांच के नाम पर की जाने वाली मनमाना वसूली पर लगाम लगेगा। वाह्य रोगी भी जरूरत पड़ने पर जांच सुविधा का लाभ लेंगे।
*बयान*
एमआरआई मशीन से अस्पताल में भर्ती मरीजों के केस का ट्रायल शुरू कर दिया गया है। कंपनी की ओर से एक सप्ताह का समय अतिरिक्त मांगा है, ताकि ट्रायल के दौरान किसी प्रकार का व्यवधान आता है तो उसे दूर किया जा सके। मशीन सरगुजा अंचल के मरीजों के लिए लाभकारी साबित होगी।
*डॉ. आरसी आर्या, अस्पताल अधीक्षक*