जनसमस्या निवारण शिविर में भी दिया था आवेदन, नहीं हुआ सीमांकन
अंबिकापुर। अंबिकापुर विकासखंड के ग्राम पंचायत परसा में गोड़ समाज के मरघट की भूमि भी सुरक्षित नहीं है। जिस स्थल में समाज के लोग दशकों से किसी संबंधी की मौत पर अंतिम संस्कार करते आ रहे हंै, वहां गांव के ही कुछ लोग कब्जा करने की नीयत रखे हैं और उक्त भूमि को स्वयं का बताने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है। इनका कहना है कि मरघट की जमीन पर कभी जेसीबी तो कभी फावड़ा चलाया जा रहा है। ग्रामीणों ने मरघट की भूमि का सीमांकन करने की मांग की है।
कलेक्टर सरगुजा से मुलाकात करने पहुंचे मनोज कुमार सिंह, घनश्याम सिंह, सत्येन्द्र प्रताप सिंह मरकाम सहित अन्य ने बताया कि परसा ग्राम पंचायत में प्लाट नंबर 115/1 शासकीय भूमि है, जहां कई पुश्तों से गोड़ समाज के लोग अपने संबंधियों की मौत पर अंतिम संस्कार करते आ रहे थे। पिछले 4-5 वर्षों से उक्त जमीन को कुछ लोग अपना बताकर उक्त भूमि में अतिक्रमण के लिए स्वरूप परिवर्तित करने में लगे हैं, इससे समाज के लोगों में आक्रोश है। कई बार सरगुजा सांसद चिन्तामणी महाराज को लिखित रूप से इसकी जानकारी देने के बाद भी आज तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है। इस मामले को उन्होंने गांव में आयोजित जनसमस्या निवारण शिविर में 05 जुलाई को सामने लाया था, लेकिन 5 माह हो गए, आज तक यथास्थिति बनी हुई है। कब्जे का दायरा बढ़ते जा रहा है, जिससे भविष्य में उन्हें किसी संबंधी की मौत पर अंतिम संस्कार के लिए दिक्कत का सामना करना पड़ेगा। ग्रामीणों का कहना है कि न जाने किसके दबाव में प्रशासन भी आज तक उक्त भूमि का सीमांकन नहीं करा पाया है। इस दौरान उमेश सिंह, बरातु पोया, सूरजदेव, गुलाब सिंह, भारत सिंह, विशेश्वर, रामबिलास सहित काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।