रायपुर – राज्य सरकार ने 27 दिसंबर को होने वाली आरक्षण प्रक्रिया की तारीख भी आगे बढ़ा दी गई है। अब प्रक्रिया नए साल में 7 जनवरी 2025 को होगी। इसका मतलब आचार संहिता भी 7 जनवरी के बाद ही लगने की संभावना है।
नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव को लेकर आचार संहिता लगनी है। गुरुवार को अचानक आरक्षण प्रक्रिया की तारीख बदल दी गई। इससे अब कैबिनेट विस्तार की अटकलें भी तेज हो गई है। चर्चा है कि 7 जनवरी से पहले प्रदेश में दो या तीन नए मंत्री सरकार के मंत्रिमंडल में शपथ ले सकते हैं। इसी वजह से तारीखों में बदलाव किया गया है। जीएडी सेक्रेटरी अविनाश चंपावत ने आचार संहिता का सर्कुलर जारी करते हुए कर्मचारियों, अधिकारियों के ट्रांसफर, छुट्टी को लेकर निर्देश जारी कर दिए थे। बहरहाल, अचानक एक जारी हुआ कि महापौर और नगर पंचायत अध्यक्षों का आरक्षण 7 जनवरी तक टाल दिया गया है। जाहिर है, एक जनवरी से नई मतदाता सूची का काम प्रारंभ हो जाएगा। इसमें 15 से 20 दिन लगेंगे ही। इसके बाद फिर नए सिरे से फिर से आरक्षण कार्यक्रम जारी होगा। उसमें भी हफ्ते-दस दिन लगेगा। तब तक फरवरी आधा निकल जाएगा। फरवरी से दसवीं, बारहवीं की बोर्ड परीक्षा प्रारंभ हो जाएगी। इस लिए निकट भविष्य में चुनाव संभव नहीं दिख रहा। बता दें कि राज्य सरकार की तरफ से महापौर और अध्यक्ष पद के आरक्षण के लिए 27 दिसंबर की तारीख तय की गई थी। पंचायतों के आरक्षण की प्रक्रिया पहले ही पूरी कर ली गई है। माना जा रहा था कि महापौर और अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण की प्रक्रिया पूरी होते ही चुनाव का कार्यक्रम घोषित कर दिया जाएगा, लेकिन राज्य सरकार ने आज अचानक आरक्षण की प्रक्रिया को स्थगित कर दी है। आरक्षण के लिए नई तारीख 7 जनवरी तय की गई है। आरक्षण की प्रक्रिया टलने के साथ चुनाव भी लंबा खींचने की संभावना जताई जा रही है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह मतदाता सूची को बताया जा रहा है। जानकारों के अनुसार 1 जनवरी के बाद आयोग को मतदाता सूची फिर से तैयार करनी पड़ेगा।