प्रभु येशु के जन्म के शुभ अवसर पर महा गिरजाघर में हुई विशेष प्रार्थना सभा
अंबिकापुर। प्रभु येशु के जन्म क्रिसमस के शुभ अवसर पर शहर के नवापारा स्थित महा गिरजाघर में विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की गई। रात्रि 10 बजे से समस्त धार्मिक अनुष्ठान प्रारंभ हुए जो देर रात तक चले। रात्रि 12 बजे बालक येशु के जन्म के साथ ही चर्च के घंटे बज उठे और आतिशबाजी शुरू हो गई। चरनी आशीष के सांथ धार्मिक अनुष्ठान की शुरुवात हुई। सरगुजा धर्म प्रान्त के धर्माध्यक्ष बिशप डॉक्टर अंतोनीस बड़ा की अगुवाई में फादर जार्ज ग्रे कुजूर व फादर कल्याण के साथ समस्त धार्मिक अनुष्ठान मिस्सा पूजा संपन्न हुई।
इस अवसर पर समुदाय को संबोधित करते हुए अपने संदेश में बिशप डॉ. अंतोनिस बड़ा ने कहा कि पाप के फल से मनुष्य की मुक्ति प्रभु येशु के मानव अवतार का पहला मकसद था। येशु के आगमन को दो हजार वर्ष से ज्यादा समय बीत चुका है लेकिन आज भी दुनिया के कई देशों में परिस्थितियां ईश्वरीय सोंच के अनुकूल नहीं है। विश्व के कई क्षेत्रों में हिंसा, घृणा युद्ध और तानाशाही का बोलबाला है। रूस व यूक्रेन के लोग खुद को येशु के अनुनायी मानते हैं लेकिन उनके अंदर का स्वार्थ उन्हें ईश्वरीय छवि से दूर कर दिया है। दूसरी तरफ इजराइल, फिलिस्तीन के बीच युद्ध के कारण वहां मानवता कराह रही है। अब तक 45 हजार से ज्यादा लोग असमय काल के गाल में समा चुके हैं। येशु का शांति का संदेश इजराइल व फिलिस्तीन की जनता के साथ-साथ दुनिया के कई देशों में अर्थहीन हो चुका है। ये देश और समाज दुश्मनी व घृणा के अंधकार में डूब चुके हैं। सुसमाचार का वाचन फादर कल्याण ने किया। इस दौरान पारा टोला से आए समाज के लोगों ने बाइबिल के पवित्र पाठ का वाचन कर येशु का संदेश सुनाया। पहले पाठ का वाचन प्लासिडियूस टोप्पो इंदिरा नगर व राजकिरण खलखो ने दूसरे पाठ का वाचन किया। रात्रि प्रार्थना सभा के दौरान फादर अनुरंजन व फादर जॉन की अगुवाई में युवा संघ के युवक-युवतियों ने अनुष्ठान के बीच-बीच में भक्तिमय गीतों से ऐसा शमा बांधा कि लोग भक्ति गीतों में रम गए। कार्यक्रम के अंत में परम प्रसाद का वितरण व बालक येशु का चुंबन किया गया। कार्यक्रम में नगर के प्रथम महापौर, लुंड्रा विधायक प्रबोध मिंज, महापौर डॉ. अजय तिर्की, विनोद कुजूर रजिस्ट्रार जनरल हाईकोर्ट बिलासपुर, भानु प्रताप डीन बिलासपुर, अजय अरुण मिंज, जगजीत, रविन्द्र तिग्गा, बीरेंद्र टोप्पो, राजेन्द्र तिग्गा, सुमन एक्का, भानु, राजेश टोप्पो, फा. विलियम उर्रे, फा. अविरा, फा. ज्ञान लकड़ा, फा. थेओदार लकड़ा, फा. विमल, फा. सुशील, फा. पीटर, सिस्टर क्लारा, उर्सुलाइन, संत अन्ना, मिशनरीज ऑफ चैरिटी सिस्टर्स व बड़ी संख्या में मसीही समाज के लोग मौजूद थे।

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