शिकायत पर कमिश्नर ने कलेक्टर को जांच कराने का दिया आदेश
अंबिकापुर। मुख्यमंत्री ग्राम गौरव पथ योजना के तहत सड़क का घटिया निर्माण करके पूर्णता प्रमाण पत्र जारी कराने और शासकीय राशि आहरण करके फर्जी दस्तावेज तैयार करने के मामले में की गई शिकायत पर संभाग आयुक्त ने जांच का आदेश जारी कर दिया है।
डॉ. डीके सोनी अधिवक्ता एवं आरटीआई कार्यकर्ता ने बीते 12 नवम्बर को संभाग आयुक्त से की गई शिकायत में बताया था कि कार्यपालन अभियंता ग्रामीण विकास संभाग कार्यालय के द्वारा ठेकेदार योगेश जायसवाल को मुख्यमंत्री ग्राम गौरव पथ योजना के अंतर्गत वर्क आर्डर 04.07.2020 को जारी किया गया था, जिसमें सीसी सड़क सह नाली निर्माण डगर तालाब से सूरजपुर मुख्य मार्ग तक, सीसी सड़क सह नाली निर्माण केदमा मतरिंगा पीएमजीएसवाय सड़क से जजगी बस्ती तक, सीसी सड़क सह नाली निर्माण मदन मोहन घर से चौक तक, सीसी सड़क सह नाली निर्माण प्राथमिक शाला से मेयरडुगू मार्ग में किया जाना था। वर्क ऑर्डर की टेंडर राशि 98.64 लाख रुपये थी। ठेकेदार योगेश जायसवाल को 68 प्रतिशत कम दर से उक्त कार्य प्रदान किया गया था, ऐसे में कार्यादेश 76.27 लाख रुपये का जारी किया गया। उक्त कार्य को पूर्ण करने की अवधि वर्षा ऋतु को सम्मिलित कर 4 महीने की थी। उपरोक्त कार्यों की पूर्णता का प्रमाण पत्र कार्यपालन अभियंता ग्रामीण विकास विभाग संभाग द्वारा 08.02.2021 को प्रदान किया गया, परंतु संबंधित ठेकेदार के द्वारा उपरोक्त कार्यों में भारी अनियमितता करते हुए बिना कार्य पूर्ण किए ही पूर्णता प्रमाण पत्र हासिल कर लिया। आरोप है कि उपरोक्त पैकेज के निर्माण कार्यों में ठेकेदार के द्वारा संबंधित अधिकारियों से सांठगांठ करके फर्जी एमबी बनवाकर कार्य कर दिया। स्टीमेट तथा ड्राइंग डिजाइन के अनुसार कार्य नहीं कराया गया, इसका अवलोकन मौके को देखकर किया जा सकता है। संबंधित ठेकेदार के द्वारा स्टीमेट के अनुसार दर्शाए गए काम को सिर्फ कागजों में पूर्ण करके पूरा भुगतान प्राप्त कर लिया गया है। निर्माण कार्यों को पूर्ण करने के पश्चात ठेकेदार के द्वारा फर्जी चुकता प्रमाण पत्र बलरामपुर खनिज विभाग से मिलीभगत करके कार्यपालन अभियंता छत्तीसगढ़ ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण अंबिकापुर के द्वारा प्राप्त करने की भी जानकारी दी गई है। उपरोक्त शिकायत एवं उसके साथ प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर आयुक्त सरगुजा संभाग अंबिकापुर ने 22.11.2024 को कलेक्टर सरगुजा को शिकायत पत्र में उल्लेखित तथ्यों की जांच कराकर 15 दिवस के भीतर जांच प्रतिवेदन कार्यालय को उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।