अंबिकापुर। नगर निगम के जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल का अंतिम पड़ाव शनै:-शनै: नजदीक आ रहा है, इधर शहर वासियों को अमृत मिशन योजना के तहत 24 घंटे पानी देने की योजना धरातल में फेल नजर आ रही है। शहर के बड़े इलाके में रहने वाले लोगों को इस योजना का लाभ कितना मिल रहा है, इसका आंकलन आए दिन जलसंकट से जूझ रहे लोगों से किया जा सकता है। गरमी के दिनों में तो लोग पानी के लिए तरसते ही हैं, ठंड के मौसम में भी एक माह से अधिक हो गए, पानी के लिए हा-हाकार मच रहा है। कभी गोधनपुर चौक में स्कूल से लगे पानी टंकी का स्टार्टर चोरी होने की बात कहकर पल्ला झाड़ा जाता है, तो कभी मोटर जल जाने की बात बताकर निगम के जिम्मेदार पल्ला झाड़ लेते हैं। समस्या की ओर ध्यान दिलाने पर व्यवस्था में सुधार का आश्वासन मिलता जरूर है, पर स्थिति में तब्दीली आने का नाम नहीं ले रही है। आलम यह है कि वार्ड के पार्षद पुत्र, भाजपा नेता भी रोजाना की पानी नहीं मिलने की शिकायत सुनकर शायद झल्ला गए हैं, जिस कारण फोन उठाने से भी परहेज करने लगे हैं।
बता दें कि इस पानी टंकी से आसपास के सैकड़ों घरों में पानी की सप्लाई होती है। नलों से पानी नहीं आने की स्थिति में कईयों को दैनिक दिनचर्या के लिए भटकना पड़ रहा है। कई लोग अपना घर रहते हुए कहीं और आश्रय लेने मजबूर हो रहे हैं। टैंकर से कुछ इलाके के लोगों को पानी पहुंचाने की बात कही जा रही है। निगम के जल प्रदाय शाखा के प्रभारी तक एक माह पूर्व से बात पहुंचाने के बाद भी निगम के किसी अधिकारी या जनप्रतिनिधि ने आम लोगों को हो रही तकलीफ की सुध नहीं ली है। देखा जाए तो गोधनपुर अंबिकापुर नगर निगम क्षेत्र का वह इलाका है जहां कई मध्यम वर्ग के परिवार निवास करते हैं। गोधनपुर पानी टंकी से बारी मोहल्ला, महुआपारा, यादव बस्ती, चंदू गैरेज के नीचे, सिकटापारा, भ_ापारा व कत्था फैक्ट्री क्षेत्र में पानी सप्लाई होता है। भाजपा नेता प्रेमानंद तिग्गा की मानें तो वे स्वयं कई बार निगम के अधिकारियों को पेयजल के लिए बनने वाली संकट की स्थिति से अवगत करा चुके हैं, लेकिन बीते वर्षों से बनी समस्या का स्थायी हल नहीं निकल पाया है। पहले तो गर्मी शुरू होने के साथ यहां का मोटर जल जाता था, अब तो ठंड में भी पानी के लिए लोग मोहताज हैं। ऐसे में घर-घर नल-जल के ढोल में पोल ही पोल नजर आ रहा है। कई बार निगम के अधिकारियों को गोधनपुर वार्ड को अमृत मिशन पाइप लाइन घुनघुट्टा से जोड़ने कहा गया, लेकिन इसे अभी तक जिम्मेदारों के द्वारा अनसुना ही किया जा रहा है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि करोड़ों रुपये अमृत मिशन के नाम पर फूंके ही क्यों गए।
बिना पानी लगाए गए मीटर चकरी काट रहे
अमृत मिशन योजना के तहत 106 करोड़ से अधिक की लागत से पाइप लाइन का विस्तार तो कर दिया गया, बावजूद इसके अंबिकापुर शहर की पौने दो लाख की आबादी को 24 घंटे पानी देने का सपना अभी तक अधूरा है। यहां तो स्थिति यह है कि गोधनपुर वासियों को एक समय आधे घंटे पानी नहीं मिल पा रहा है। शाम को तो पानी के नाम पर घरों में लगाए गए मीटर की चकरी ही काटते रहते हैं। देखना होगा कि नगर निगम की सरकार वार्डवासियों को कब तक शुद्ध पेयजल सहित मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करा पाती है।