अंबिकापुर। शहर के प्रतिष्ठित चिकित्सक डॉ. जे.के. सिंह की पत्नी वरिष्ठ साहित्यकार संध्या सिंह की दो पुस्तकों का विमोचन केबिनेट मंत्री रामविचार नेताम के मुख्य आतिथ्य व अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल, विशिष्ट अतिथि सीतापुर विधायक राम कुमार टोप्पो, पूर्व विधायक रजनी त्रिपाठी, पार्षद द्वितेन्द्र मिश्र के विशिष्ट आतिथ्य में हुआ। कवियित्री संध्या सिंह ने अपने काव्य संग्रह पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ‘रिश्तों की मर्यादाÓ में रिश्तों के महत्व और मर्यादा पालन के प्रचलित मान्यताओं से संबंधित रचनाएं हंै। रिश्ते ही मानव को पशुओं से भिन्न बनाते हंै, रिश्तों की मर्यादा मानव को श्रेष्ठ बनाती है। उनके दूसरे काव्य संग्रह ‘चुनौतीÓ में विशेष रूप से कोरोना काल की विभीषिका को प्रदर्शित करती रचनाएं हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना ने उन्हें बहुत कुछ सिखाया और रुलाया भी। कभी-कभी गुरु बनकर समझाया, तो कभी जज बनकर दंडित भी किया।
मुख्य अतिथि रामविचार नेताम ने कवियित्री को बधाई देते हुए कहा कि कार्य करने वाले से ही गलती होती है लेकिन सुधार की गुंजाइश हमेशा होती है, इसलिए हमें ईमानदारी से कार्य निर्वहन करना चाहिए। नेताओं पर कवि और पत्रकारों की तीखी नजर हमेशा बनी रहती है इसलिये नेताओं को धैर्यपूर्वक आलोचना सुनते और बेअसर रहकर कार्य करने की आदत होनी चाहिए तभी वह एक सफल नेता बन सकेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जिस प्रकार मरीजों का सफल उपचार किया गया, इसे देखते हुए हॉस्पिटल व चेयरमैन डॉ. जे.के. सिंह की जितनी भी प्रशंसा की जाए उतनी कम है। और शायद इसीलिए उनकी पत्नी ने कोरोना बीमारी जैसी मानव की चुनौतियों पर इतनी सूक्ष्मता से अपनी लेखनी चलाई है। इस गरिमामयी कार्यक्रम में नगर के साहित्यकार एवं वरिष्ठ नागरिक भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ साहित्यकार प्रकाश कश्यप ने किया। द्वितेन्द्र मिश्र ने कवियित्री को बधाई देते हुए कहा कि साहित्य समाज का दर्पण होता है और समाज को दिशा देने का कार्य साहित्यकार ही कर सकते हैं। पूर्व विधायक रजनी त्रिपाठी ने भी कहा कि रचनाएं बहुत प्रेरणादायक होती हैं। उन्होंने कहा कि जीवन ज्योति हॉस्पिटल ने मानव जीवन की रक्षा का जो बीड़ा उठाया है उसे बहुत निष्ठापूर्वक निभा रहा है। कोरोना काल में तो बहुत से मरीजों को जीवनदान मिला। शायद इसीलिए चुनौती में कवियित्री ने कोरोना की विभीषिका को इतने अच्छे से लिपिबद्ध किया है। सीतापुर विधायक राम कुमार टोप्पो ने कहा कि शहीद कविता ने उनके बीते फौजी जीवन की यादें ताजा कर दीं। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि देश का हर नौजवान एक फौजी की तरह सजग होकर देश की रक्षा का व्रत लें। अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल ने भी कहा कि ये दोनों संग्रह समाज को एक नई दिशा दे सकती है। कार्यक्रम में विजय सोनी, रंजीत सारथी के अलावा काफी संख्या में कवियों की उपस्थिति रही।
पुस्तक की समीक्षा करते हुए डॉ. सुदामा मिश्र ने कहा कि कला पक्ष की अपेक्षा भाव पक्ष विशेष प्रबल है। यह सुखद संयोग है भक्ति भाव अपने सम्मत शिखर पर है। अपने बेहतरीन सौंदर्य की पराकाष्ठा भी है। प्रत्येक भारतीय को अपने पक्ष को अखण्ड समरस शांतिपूर्ण और विकसित बनाने के लिए रिश्तों की मर्यादा का आह्वान काबिल-ए-तारीफ है। उन्होंने कहा कि जीवन में आने वाली हर चुनौती पर कवयित्री ने अपनी लेखनी चलाई है। पुस्तकों का कलेवर भी बहुत आकर्षक एवं विलय के अनुरूप है। बबन जी पाण्डेय ने दोनों पुस्तकों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह हर दृष्टि से उपयोगी है। समाजिक एवं राट्रीय परिपेक्ष्य में ज्वलंत समस्याओं पर कवियित्री ने खुलकर अपने विचार रखे हैं लेकिन कुछ शब्दों का प्रयोग खटकता है, जैसे मानसून का हुआ आगाज, चचल दामिनी मचल रही है, मेघों के आगोश में।

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