अंबिकापुर। मैनपाट के ग्राम परपटिया में शिशु मृत्यु के संबंध में सीएमएचओ डॉ. पीएस मार्को ने बताया कि उक्त घटना की जानकारी संज्ञान में आते ही चिकित्सा अधिकारी डॉ. सतेश्वर सिंह के नेतृत्व में सी.एस.सी. स्तरीय स्वास्थ्य जांच टीम संदर्भित स्थल में घर-भ्रमण हेतु भेजी गई जिसमें बीपीएम, बीईटीओ, सुपरवाइजर, एलएचव्ही, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, मितानिन, आंगनबाड़ी सहयोगी इत्यादि शामिल रहे। निरीक्षण के बाद टीम द्वारा जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया, जिसमें बालिका नैना मझवार, उम्र 02 माह 09 दिन की मृत्यु 25 सितम्बर को प्रात: 03 बजे घर पर हुई। उन्होंने बताया कि 24 सितम्बर 2024 को माइक्रोप्लान अनुसार आंगनबाड़ी केन्द्र, हर्राढोडी, ग्राम परपटिया में वैक्सीनेशन कार्यक्रम आरआई टीकाकरण में नैना मझवार को पेन्टा, पीएसवी, आईपीव्ही, ओरल पोलियो और ओरल रोटा के प्रथम डोज का टीका लगाया गया। सभी टीका लगने के आधे घण्टे तक नैना मझवार पूर्णत: स्वस्थ्य थी। उसे कोई भी स्वास्थ्यगत परेशानी नहीं होने के कारण सभी टीका लगने के आधे घण्टे पश्चात अपने घर जाने दिया गया। इसी आंगनबाड़ी केन्द्र में 24 सितम्बर मंगलवार को नैना के साथ अन्य 03 बच्चों (कुल 04) को पेन्टो-1. 01 बच्चे को पेन्टा-2, 01 बच्चे को पेन्टा-3, 01 बच्चे को एमआर-1, 01 बच्चे को एमआर 2, और 01 बच्चे को डीपीटी-बी.1 लगाया गया था, जिसमें नैना मझवार को छोड़कर शेष सभी बच्चे 24 घण्टे पश्चात स्वास्थ्य और सामान्य हैं। चिकित्सा अधिकारी द्वारा स्वास्थ्य टीम के साथ शेष सभी बच्चों का निरीक्षण किया गया है। सीएमएचओ डॉ. मार्को ने बताया कि घर भ्रमण में नैना की मां से पूछताछ करने पर उन्होंने यह बताया कि 25 सितम्बर के रात 2 बजे तक बच्ची सामान्य थी। रात में बच्ची के रोने पर वह स्वयं लेटे-लेटे अर्द्धनिद्रा में बच्ची को स्तनपान कराई थी। लगभग 03 बजे बच्ची के शरीर में कोई शारीरिक हलचल नहीं होने का आभास होने पर उसके मृत होने का ज्ञान हुआ। चिकित्सा अधिकारी द्वारा जांच प्रतिवेदन में बच्ची के नाक में दुध फंसा/निकलता हुआ स्पष्ट रूप से दिखाई देना उल्लेखित है और प्रोविसनल डाइग्नोसिस में चिकित्सा जांच अधिकारी द्वारा एस्पिरेशन फीडिंग मिल्क अंकित किया गया। एस्पिरेशन फीडिंग मिल्क को साधारण शब्दों में श्वांस नली में भोजन के फंसने से समझा जा सकता है। स्वजनों की मांग पर बच्ची का पोस्टमार्टम पीएचसी कमलेश्वरपुर में किया गया, जिसमें रिपोर्ट में एस्पिरेशन फीडिंग मिल्क बताया गया है।
जांच में सैंपल सही पाया जाता है, तब इसका उपयोग करें-सिंहदेवछत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव इस मसले को लेकर गंभीर हैं। इनके निर्देश पर जिला पंचायत सदस्य सुनील बखला, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष मैनपाट बलराम यादव व राम नारायण पटेल ने ग्राम पंचायत परपटिया के हर्राढोढ़ी पहुंच कर टीकाकरण से बच्चों की मौत मामले में स्वजनों से मुलाकात की और उन्हें ढांढस बंधाया। मामले की पूरी जानकारी ली। पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने बच्चे की मौत पर कहा कि बच्चे के माता-पिता ने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्र में टीका लगने के बाद बच्चे को बुखार आया और उसकी मौत हो गई। सीएमएचओ का कहना है कि बच्चे की मृत्यु श्वांस नली में दूध अटक जाने से हुई है। उन्होंने कहा कि बिना तथ्य के यह मेरे लिए कहना कठिन है, लेकिन बुखार आया तो ये अपने आप में दर्शाता है कि टीका लगने के बाद कोई न कोई रिएक्शन हुआ और टीका लगने के बाद ही बच्चे की मृत्यु हुई है। टीकाकरण में जिस दवाई का इस्तेमाल किया गया है, उस बैच की सभी दवाओं को फिलहाल रोक लेना चाहिए। जहां-जहां टीका लगाने के लिए भेजा गया है, उसको अलग स्टोर कर देना चाहिए। जांच कराने के बाद अगर सैंपल सही पाया जाता है, तब इसका उपयोग करें। यह भी जानकारी लेना चाहिए कि जब यह टीका खरीदा गया था, उस समय इसका क्वालिटी कंट्रोल हुआ था या नहीं। दवाओं को मैन्युफेक्चरिंग के बाद दो-तीन लैबोरेटरी में भेजा जाता है, तब फिर इसे उपयोग में लाया जाता है। इन बातों को ध्यान में रखकर ही आगे टीकाकरण में इसका उपयोग करना चाहिए। बिलासपुर के बाद सरगुजा के मैनपाट क्षेत्र अंतर्गत आंगनबाड़ी में यह बात आ रही है तो इसे गंभीरता से लेते हुए गहराई से जांच करनी चाहिए कि आखिर कारण क्या है? ऐसा क्यों हो रहा है?

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