मामला ग्रायांसे संभाग रामानुजगंज के तत्कालीन कार्यपालन अभियंता द्वारा की गई गड़बड़ी का
अंबिकापुर। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग रामानुजगंज में पदस्थापना दौरान तत्कालीन कार्यपालन अभियंता के द्वारा किए गए 4 करोड़ 20 लाख रुपये के घोटाले में जांच के आदेश सरगुजा संभाग के कमिश्नर ने दिए हैं। शासकीय राशि का गबन करने का आरोप लगाते हुए अपराधिक प्रकरण दर्ज करने डॉ. डीके सोनी अधिवक्ता एवं आरटीआई कार्यकर्ता ने बीते 02 सितम्बर को शिकायत आवेदन आयुक्त सरगुजा संभाग के समक्ष प्रस्तुत किया गया था, जिसमें उल्लेख किया गया था कि जितेंद्र कुमार देवांगन वर्ष 2019 से 2021 तक कार्यपालन अभियंता के पद पर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग रामानुजगंज में पदस्थ थे। अपने पदस्थापना के दौरान उन्होंने करोड़ों रुपये का फर्जी बिल, व्हाउचर लगाकर शासकीय राशि का गबन किया। सूचना के अधिकार के तहत ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग रामानुजगंज के कार्यालय से प्राप्त दस्तावेज के आधार पर 3/9/2019 से 4/9/2021 तक लगभग 4 करोड़ 20 लाख रुपये का भुगतान जितेंद्र कुमार देवांगन ने अपने हस्ताक्षर से किया है।
बताया गया है कि जितेंद्र कुमार देवांगन के द्वारा 18/9/2019 को संतोष कुमार केसरी को लगभग 14 लाख 31 हजार 971 रुपये का भुगतान फर्जी बिल व्हाउचर लगाकर किया गया है। उक्त राशि में जिस मेजरमेंट बुक का उल्लेख किया गया है वह भी फर्जी बनाया गया है और उक्त दिनांक को संतोष केसरी को बिना काम किए राशि का भुगतान किया गया है। इसी प्रकार 23/10/2019 को मां अम्बे को भी फर्जी एमबी के माध्यम से 15 लाख 31 हजार 555 रुपये का भुगतान किया गया है। इसी प्रकार अन्य छोटे-छोटे राशि का भुगतान फर्जी बिल एमबी लगाकर विनोद जायसवाल को 25/10/2019 को किया गया। 29/11/2019 को बिना किसी आधार के जितेंद्र कुमार देवांगन के द्वारा 82 हजार 705 रुपये कैश निकाला गया है, जिसका कोई बिल व्हाउचर नहीं लगाया गया है। उक्त राशि किस मद से किस कार्य के लिए लिया गया है इसका भी उल्लेख नहीं किया गया है। 28/2/2020 को मां अम्बे कंस्ट्रक्शन को फर्जी एमबी बुक का उल्लेख करते हुए 5 लाख 64 हजार 255 रुपये का भुगतान किया गया है। 21/5/2020 को मे. दुबे कंस्ट्रक्शन को 210401 रुपये का भुगतान भी बिना काम किए किया गया। कैशबुक में ना तो एमबी नंबर और ना ही किस काम का भुगतान किया गया इसका उल्लेख है। इसी तिथि को 52000 रुपये निकाला गया है, इसका कोई बिल व्हाउचर नहीं है। 22/5/2020 को मे. ब्रिज कंस्ट्रक्शन को 97 हजार 591 रुपये का भुगतान बिना बिल व्हाउचर व एमबी के किया गया है। अधिवक्ता डॉ. डीके सोनी ने उपरोक्त अवधि में किए गए भुगतान पर सवाल उठाते हुए इसकी विधिवत जांच की मांग की थी, जिस पर आयुक्त सरगुजा संभाग ने कलेक्टर बलरामपुर-रामानुजगंज को शिकायत आवेदन पत्र में उल्लेखित तथ्यों की जांच कराकर 15 दिवस के भीतर जांच प्रतिवेदन कार्यालय को उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।