प्रदेशभर के आरटीओ चेकपोस्टों में जांच के नाम पर रोजाना हो रही एक करोड़ की उगाही
अंबिकापुर। प्रदेशभर में परिवहन विभाग के गुर्गों के द्वारा वाहन चालकों के साथ की जा रही गुंडागर्दी किसी से छिपी नहीं है। आए दिन ये दूरदराज के क्षेत्रों से आने वाले वाहन चालकों को परेशान करके छत्तीसगढ़ में सुशासन की दुहाई देने वालों की बखिया उधेड़ने में लगे हैं। चेक पोस्टों के आड़ में चल रहे अवैध उगाही के गोरखधंधे को देखते हुए ट्रक मालिक संघ भी नाखुश है और चेक पोस्टों के संचालन के पक्ष में नहीं है। इसके पीछे कारण अवैध वसूली का प्रभाव आम उपभोक्ताओं पर पड़ना है। लंबी दूरी तय करके गंतव्य तक पहुंचने में एक मालवाहक के चालक को 5 से 10-15 हजार रुपये तक का नजराना जगह-जगह चढ़ाना पड़ता है। मध्य प्रदेश के वनिस्पत छत्तीसगढ़ में चेक पोस्टों के आड़ में अवैध वसूली कुछ अधिक ही गतिमान है। ट्रक मालिक संघ का दावा है कि छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित चेकपोस्ट उगाही का अड्डा बनकर रह गए है। यहां रोजाना एक करोड़ से अधिक की वसूली हो रही है।
जानकारी के मुताबिक सरगुजा संभाग के आसपास झारखंड-बिहार मार्ग में रामानुजगंज, उत्तर प्रदेश मार्ग में धनवार के अलावा मध्य प्रदेश की सीमा पर मनेन्द्रगढ़ के अलावा शंख, घुटरीटोला सहित कई चेकपोस्ट का संचालन हो रहा है। सभी आरटीओ चेक पोस्ट में मालवाहकों सहित अन्य वाहनों से अवैध उगाही चरम पर की जा रही है। ट्रक चालक खाने-पीने या कोई भी सामान लेकर एक राज्य से दूसरे राज्य जाते हैं, तो इन्हें आरटीओ के अलग-अलग चेक पोस्ट, आरटीओ उड़नदस्ता, पुलिस सहित अलग-अलग विभागों के बैरियर में बलि का बकरा बनना पड़ता है। एक स्थान से दूसरे स्थान तक लंबी दूरी तय करने में लगे इन वाहन चालकों से इनका हावभाव देखकर 5 से 10-15 हजार तक की वसूली की जाती है। वसूली को लेकर अंबिकापुर का आरटीओ उड़नदस्ता के अलावा सरगुजा संभाग के बलरामपुर जिले का आरटीओ चेक पोस्ट लंबे समय से सुर्खियों में हैं। यहां ट्रकों से एंट्री के नाम पर 100-500 रुपये ही नहीं हजार से 5 हजार, अधिक भी वसूल लिया जाता है। अंबिकापुर का आरटीओ उड़नदस्ता कहीं भी सिविलियनों के साथ खड़ा नजर आ जाएगा। इनका हावभाव ऐसे रहता है जैसे वे स्वयं आरटीओ हों। छत्तीसगढ़़, आंध्रप्रदेश चेक पोस्ट में ट्रक ड्राइवरों को एक स्टीकर दिया जाता है जिसे ड्राइवर अपने पास किसी कॉपी, डायरी के पन्ने में चिपकाकर सुरक्षित रखते हैं। इस स्टीकर के नाम पर उनसे ढाई से तीन हजार रुपये प्रतिमाह की वसूली की जाती है।
ट्रक ड्राइवरों से पूछने पर उन्होंने कहा कि नजराना न दो तो घंटों गाड़ी खड़ा करके समय बरबाद करो फिर रुपये देकर जाओ। रसीद मांगने पर 20 से 30-40-50 हजार तक का चालान काटने का धौंस दिखाया जाता है। बिहार के पटना से मछली सप्लाई कर आंध्रप्रदेश लौट रहे ट्रक ड्राइवर, असम के गुवाहाटी से ट्रक लेकर वापस लौट रहे ट्रक ड्राइवर ने स्वीकार किया कि आरटीओ के हर चेक पोस्ट में वसूली के लिए लोग तैनात रहते हैं और बेवजह, बिना किसी रसीद के वसूली की जाती है। ट्रक ड्राइवर इनके लिए अलग से रुपये लेकर चलते हैं। यही वजह है ट्रक मालिक जब भी कोई सामग्री परिवहन करने के लिए रेट तय करते हंै तो उसमें आरटीओ, पुलिस, मंडी बेरियर के द्वारा वसूले जाने वाले पैसे को भी जोड़ देते हैं, जिससे संबंधित वाहन में परिवहन की जा रही सामग्री का दर खुद-ब-खुद बढ़ जाता है, इसकी भरपाई आम जनता करती है। कुल मिलाकर कहा जाए तो सरकार को टैक्स देने के साथ ही जनता को अवैध वसूली की भरपाई भी जाने-अनजाने में करनी पड़ रही है।
कद्दावर नेताओं को जनता की परवाह नहीं
सरगुजा के छत्तीसगढ़ झारखंड की सीमा पर रामानुजगंज चेक पोस्ट और उत्तर प्रदेश-छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित धनवार आरटीओ चेक पोस्ट में रोजाना लाखों रुपये की वसूली की जा रही है। यहां से ट्रक चालकों को कोई पर्ची नहीं मिलती है। बड़े पैमाने पर चल रहे वसूली के इस खेल पर रोक लगाने वाला कोई नहीं है, जबकि वसूली कद्दावर नेताओं और मंत्रियों के इलाके में हो रही है। अवैध उगाही से माननीयों को फर्क पड़े या न पड़े, आम लोगों को जेब हलकी करनी पड़ रही है।
छह हजार भेंट चढ़ गया, रायपुर पहुंचना बाकी है
ट्रक चालकों का कहना है आरटीओ और पुलिस के अलावा मंडी जैसे बेरियर तक में उगाही हो रही है, जिससे कई ट्रक चालकों को कोई लेना-देना नहीं रहता है। यहां 400 रुपये का रसीद देकर 720 रुपये, अधिक भी ले लिया जाता है। बात करें आरटीओ चेक पोस्ट की तो इनसे रसीद मांगने पर खोट निकालकर बड़ा मुंह फाड़ने लगते हैं, जिससे 5-10 हजार देकर पिंड छुड़ाने की नौबत बन जाती है। परदेश में कोई परेशानी में पड़ना नहीं चाहता है। पुलिस को अलग भेंट चढ़ाना पड़ता है। गुवाहाटी से अंबिकापुर तक पहुंचे ट्रक ड्राइवर का कहना था कि यहां पहुंचते तक लगभग 6 हजार रुपये भेंट चढ़ा चुका है, अभी रायपुर पहुंचना बाकी है।
चेकपोस्टों से लेकर हाइवे तक चल रही उगाही-रविन्द्र तिवारी
ट्रक मालिक एसोसिएशन के अध्यक्ष रविन्द्र तिवारी का कहना है कि प्रदेश में आरटीओ भ्रष्टाचार का मुख्य केंद्र बन चुका है। हमने मुख्यमंत्री से चेक पोस्टों को हटाने की मांग की है। परिवहन उड़नदस्ता दल वाहन चालकों के लिए मुसीबत बन चुका है। प्रदेशभर में चेक प्वाइंट लगाकर अवैध उगाही की जा रही है। चेकपोस्टों के अलावा हाइवे में खड़े रहने वाले सिविलियनों की गुंडागर्दी के शिकार वाहन चालक हो रहे हैं। कई चेकपोस्ट में हर महीने अलग-अलग कलर का टोकन थमाया जाता है। अवैध वसूली के चक्कर में वाहनों की लंबी लाइन लग जाती है और दुर्घटना की संभावना बढ़ती है। भाजपा की डॉ. रमन सिंह सरकार के कार्यकाल में बंद किए गए चेकपोस्ट पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में खुले थे, जिसे सुशासन की दृष्टि से सरकार को बंद कर देना चाहिए।

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