कोडरमा. इंटरनेट पर सर्च इंजन गूगल से आज हर कोई वाकिफ है. यह अमेरिकी बहुराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी कंपनी है. इस कंपनी में चुनिंदा लोगों को ही काम करने का अवसर मिलता है. झारखंड के कोडरमा जिले में पली-बढ़ी एक बेटी ने गूगल में 60 लाख रुपये सालाना के पैकेज में नौकरी प्राप्त कर क्षेत्र को गौरांवित किया है.

नाना-नानी के घर में पूरी की प्रारंभिक शिक्षा
झुमरीतिलैया के राम लखन सिंह यादव कॉलेज रोड में अपने नाना-नानी के घर रहकर वर्ष 2012 में सेक्रेड हार्ट स्कूल से दसवीं की पढ़ाई पूरी करने वाली अलंकृता साक्षी का चयन गूगल में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में हुआ है. फिलहाल, वह विदेश में हैं. अलंकृता के पिता शंकर मिश्रा कोडरमा में एक निजी कंपनी में काम करते थे, जबकि उनकी माता रेखा मिश्रा एक प्राइवेट स्कूल में शिक्षिका थी. कुछ वर्ष पहले परिवार देवघर शिफ्ट हो गया.

विप्रो और सैमसंग में काम कर चुकी अलंकृता
सेक्रेड हार्ट स्कूल के निदेशक प्रमोद कुमार ने लोकल 18 को बताया कि अलंकृता साक्षी शुरू से ही मेधावी छात्रा रही है. कोडरमा जैसे छोटे जिले से प्रारंभिक शिक्षा हासिल करने के बाद आज विश्व की टॉप कंपनियों में से एक में नौकरी पाना बड़ी उपलब्धि है. बताया कि यहां से दसवीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद जवाहर नवोदय विद्यालय कोडरमा से उसने 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की.

सैमसंग, विप्रो में भी किया काम
प्रमोद ने लोकल 18 को बताया कि इसके बाद हजारीबाग स्थित एक कॉलेज से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. अलंकृता ने विप्रो और सैमसंग जैसी बड़ी कंपनियों में भी काम किया. अलंकृता साक्षी ने दो साल बेंगलुरु में विप्रो कंपनी में, एक साल अर्न्स्ट एंड यंग कंपनी में और एक साल सैमसंग हार्मन में काम किया.

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