पुलिस ने पूर्व में 03 आरोपियों को गिरफ्तार करके भेजा था जेल, अन्य की तलाश जारी
अंबिकापुर। मृत व्यक्ति का फर्जी हस्ताक्षर एवं कुटरचित दस्तावेजों के जरिए केसीसी लोन निकाल कर गबन करने के मामले में थाना लखनपुर पुलिस ने 03 अन्य फरार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों ने मृत व्यक्ति के नाम पर खाता खुलवाकर फर्जी दस्तावेजों के जरिए जमीन पर बैंक लोन लेकर धोखाधड़ी की थी। पुलिस टीम ने पूर्व में मामले में 03 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा था।
उदयपुर थाना क्षेत्र के ग्राम खुटिया निवासी रामअवतार पिता रामचरण ने बीते 08 जुलाई को थाना लखनपुर में रिपोर्ट दर्ज कराया था गांव में उसकी पैतृक संपत्ति है, जिस पर वह कृषि कार्य करता है। वर्ष 2019-20 में जमीन संबंधी दस्तावेज बी-01 निकालने के दौरान उसे पता चला कि पैतृक जमीन में पिता रामचरण के नाम 02 लाख 18 हजार रुपये का केसीसी लोन स्टेट बैंक ऑफ इंडिया शाखा लखनपुर से प्राप्त है एवं उक्त जमीन 20/12/14 से बैंक में बंधक है। उसके पिता की वर्ष 2008 में ही मृत्यु हो गई थी, ऐसे में मृत्यु के बाद 2014 में बैंक से ऋण कैसे मिला, इसकी जानकारी लेने पर ज्ञात हुआ कि ऋण प्राप्त करने के लिए लगाए गए दस्तावेज में बलराम बसोर पिता पलटू राम निवासी ग्राम मुटकी का फोटो लगा है। बलराम ने बैंक में अपना नाम रामचरण पिता दखल निवासी ग्राम मुटकी बताकर कुटरचित दस्तावेज के आधार पर 02 लाख 18 हजार रुपये का केसीसी बैंक लोन उसके पिता के नाम पर निकाला है। रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपी के विरूद्ध धारा 419, 420, 467, 468, 471, 201, 34 भादंसं कायम कर विवेचना में लिया और पूर्व में कार्रवाई करते हुए आरोपी बलराम बसोर, दरोगा दास एवं सीताराम कवर को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा था। मामले में शामिल नन्दलाल राजवाड़े 33 वर्ष निवासी लटोरी दर्रीपारा थाना लखनपुर, विजय कुमार सिंह 42 वर्ष निवासी पलगढ़ी थाना दरिमा व बृजलाल यादव 34 वर्ष निवासी लटोरी थाना लखनपुर फरार थे, इन्हें घेराबंदी करके पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पूछताछ में विजय कुमार सिंह ने लोन की राशि में से 5000 रुपये एवं बृजलाल यादव ने 10 हजार रुपये मिलने की जानकारी दी, जिसे उन्होंने खाने-पीने में खर्च कर दिया था। प्रकरण में शामिल अन्य आरोपियों के तलाश में पुलिस लगी है। कार्रवाई में थाना प्रभारी लखनपुर निरीक्षक अश्वनी सिंह, सहायक उप निरीक्षक अरुण गुप्ता, प्रधान आरक्षक रवि सिंह, आरक्षक दशरथ राजवाड़े, जानकी प्रसाद राजवाड़े, राकेश यादव शामिल रहे।