राज्य में पहली बार मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में वृहद स्तर पर शुरू हुआ महुआ पेड़ो का संरक्षण
मनेंद्रगढ़ – बस्तर और सरगुजा में आदिवासी अंचल के लिए महुआ का पेड़ विशेष महत्व रखता है। महुआ के मौसम में गाँव की गलियाँ खाली होती है। सभी ग्रामीण महुआ के फूल बीनने में व्यस्त रहते हैं। महुआ का पेड़ प्रकृति का बहुमूल्य उपहार है। भारत में इसे कल्पवृक्ष के नाम से भी जाना जाता है। यह पेड़ आदिवासियों के लिए आर्थिक, धार्मिक और सामाजिक रूप से महत्व रखता है। महुआ का पेड़ भारत के उत्तर, दक्षिण और मध्य के 13 राज्यो में पाया जाता है। महुआ के फूल, फल, बीज, छाल और पत्ती सभी उपयोगी हैं। यह आदिवासियों की आय का यह एक प्रमुख स्त्रोत है। पिछले कुछ समय से महुआ के उत्पादन में गिरावट आयी है और महुआ के नए पेड़ नहीं उग रहे हैं। जिस कारण महुआ पेड़ों की संख्या घट रही है।

प्रधानमंत्री मोदी एवं सीएम विष्णुदेव साय की मुहिम लाई रंग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किये गए विशेष अभियान “एक पेड़ मां के नाम” ने राज्य में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में पौधारोपण एवं पर्यावरण संरक्षण की अलख जगा दी है। यह अभियान छत्तीसगढ़ राज्य में एक जन आंदोलन का रूप ले चुका है। इसी क्रम में वन मंडल मनेन्द्रगढ़ के वन मंडलाधिकारी मनीष कश्यप ने वृहद स्तर पर महुआ बचाओ अभियान की शुरुआत की है। डीएफओ की पहल एवं भरतपुर-सोनहत विधायक रेणुका सिंह के प्रोत्साहन से राज्य में पहली बार बड़े स्तर पर महुआ पेड़ों की संख्या को बढ़ाने एवं संरक्षण की मुहिम शुरू हुई है।

30,000 महुआ पौधे लगाए गए

वनमण्डलाधिकारी मनीष कश्यप की पहल पर वन क्षेत्र में गांव के बाहर खाली पड़ी जमीन और खेतों में महुआ के पौधे लगाए जा रहे हैं। जिनकी सुरक्षा ट्री गार्ड द्वारा की जा रही है। इस अभियान के अंतर्गत अभी तक 30,000 महुआ के पौधे लगाए जा चुके हैं। पौधों को लगाए जाने के साथ ही पौधे की सुरक्षा के लिए ग्रामीणों को ट्री गार्ड भी प्रदान किये जा रहा है। महुआ के पौधे लगने से ग्रामीणों में जबरदस्त उत्साह है। ग्रामीण आगे आकर महुआ पौधरोपण में अपना योगदान दे रहे हैं।

ग्राम गांजर के किसान रामसुख यादव कहते हैं:- महुआ बचाओ अभियान के अंतर्गत मैंने महुआ के 20 पौधे लगाए हैं, मुझे वन विभाग द्वारा महुआ के पौधे एवं ट्री गार्ड निःशुल्क दिए गए, पौधों को लगाने से पहले मेरी भूमि बंजर थी, इन महुआ के पेड़ों से भविष्य में हमें आर्थिक लाभ मिलेगा, जंगली जानवरों से सुरक्षा मिलेगी, इन पेड़ों से मेरे बच्चों को भी लाभ मिलेगा। वन विभाग ने बहुत अच्छा काम किया है। इस पहल के लिए मैं वन विभाग एवं डीएफओ सर को धन्यवाद देना चाहता हूँ।

महुआ बचाओ अभियान एवं वन महोत्सव वर्ष 2024 के अंतर्गत मनेन्द्रगढ़ वनमंडल में महुआ पौधारोपण एवं संरक्षण हेतु निरंतर कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। इसी क्रम में 29 अगस्त को भरतपुर-सोनहत विधायक एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीमति रेणुका सिंह के मुख्य आतिथ्य में ग्राम-कछौड़ तुर्रा रोड पर भारत भवन के पास महुआ बचाओ अभियान एवं वन महोत्सव वर्ष-2024 कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

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