मामला व्यवसायी पुत्र की गोली मारकर हत्या से जुड़ा
अंबिकापुर। गांधीनगर थाना अंतर्गत तीन दिन पूर्व शहर केे एक व्यवसायी पुत्र की गोली मारकर हत्या करने के मामले में गिरफ्तार आरोपी को तीन दिन के रिमांड में लेने के बाद भी पुलिस को कोई नई जानकारी हासिल करने में सफलता नहीं मिल पाई है। पुलिस आरोपी के रिमांड की अवधि खत्म होने के बाद मंगलवार को उसे न्यायालय में पेश करके जेल भेज दी है।
गांधीनगर थाना प्रभारी प्रदीप जायसवाल ने बताया कि हत्यारोपी को गिरफ्तारी के बाद तीन दिन के लिए न्यायिक हिरासत में बीते शनिवार को लिया गया था। पुलिस हत्या के मामले में अलग-अलग बिंदुओं पर पूछताछ की, लेकिन कोई नया सुराग नहीं मिल पाया है। आरोपी मनेन्द्रगढ़ रोड पटपरिया निवासी अक्षत कुमार केडिया की हत्या को लेकर पूर्व में ही कही गई बातों को दोहरा रहा है। पुलिस ने रिमांड अवधि में व्यवसायी पुत्र की हत्या के पहले से लेकर बाद तक की गतिविधि को जानने का प्रयास किया और हर उस स्थल तक पहुंची, जहां आना-जाना, पीना-खाना आरोपी के द्वारा बताया गया था। तस्दीक के दौरान ऐसा कोई नया पर्दाफास नहीं हो पाया है। आरोपी के द्वारा जप्त किया गया पिस्टल मृतक का होने की जानकारी दी जा रही है। इधर व्यवसायी पुत्र के हत्या की मूल वजह का पता नहीं चल पाने से गुत्थी अनसुलझी है। मृतक के आईफोन का लॉक खुलवाने की कोशिश पुलिस की, लेकिन इसमें भी सफलता नहीं मिल पाई है। पुलिस को उम्मीद है कि मृतक के आईफोन को खंगालने पर कुछ सूत्र पुलिस के हाथ लग सकते हैं। ऐसा होने की स्थिति में पुलिस आरोपी को पुन: रिमांड पर लेने की पहल कर सकती है।
बता दें कि मनेन्द्रगढ़ रोड पटपरिया में रहने वाले महेश कुमार केडिया ने बीते 20 अगस्त को अपने पुत्र अक्षत अग्रवाल के गुमशुदगी की सूचना थाने में दर्ज कराई थी। पुलिस मामले में जांच, पड़ताल में जुटी तो सामने आया था कि मृतक आखिरी समय तक संजीव मंडल उर्फ भानू बंगाली के साथ था। पुलिस जब उसे पकड़कर पूछताछ की तो उसने अक्षत की गोली मारकर हत्या करने की बात को निर्भीक होकर स्वीकार कर लिया। पुलिस ने आरोपी के निशानदेही पर ही चठिरमा मेण्ड्रा के पहाड़ घुटरी जंगल से युवक की कार में उसका शव बरामद किया था, जिसे तीन गोली पिस्टल से आरोपी मारा था। पूछताछ में उसने कथित रूप से अक्षत के द्वारा ही 50 हजार रुपये नगद तथा सोने के जेवर देते हुए खुद की हत्या करने के लिए कहा गया था। पुलिस तत्समय से ही आरोपी से सख्त पूछताछ में लगी थी, लेकिन हत्या का वास्तविक और कोई तथ्य सामने नहीं आ पाया है। पुलिस की विशेष टीम भी रिमांड अवधि में उससे और कुछ उगलवा पाने में असफल रही। इसके बाद भी पुलिस आरोपी के द्वारा बताई जा रही बातों को लेकर संतुष्ट नहीं है।