पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने जनसहयोग से गड्ढों को भरवाना शुरू किया
अंबिकापुर। सरगुजा सांसद चिंतामणि महराज के द्वारा जिला प्रशासन के मुखिया के साथ स्कूटी में सवार होकर कुछ दिन पहले ही अंबिकापुर-मनेन्द्रगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग का सेंट्रल स्कूल के पास तक निरीक्षण किया था, इसके बाद भी सड़क के हालात में सुधार नहीं हो पाया है। इस मार्ग की दुर्दशा से शहरवासियों को हो रही परेशानी की जानकारी फोन व अन्य माध्यमों से मिलने पर सोमवार की दोपहर पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव राष्ट्रीय राजमार्ग-43 पहुंचे और एनएच के गड्ढों का निगम के जनप्रतिनिधियों और नागरिकों के साथ अवलोकन करने के बाद त्वरित पहल करते हुए जनसहयोग से आवश्यक सामग्री, जेसीबी मंगवाकर गड्ढों को भरवाना शुरू किया, इससे आम लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा शहर के लोगों का दुर्भाग्य है कि सांसद व प्रशासन के संयुक्त निरीक्षण के बाद भी राष्ट्रीय राजमार्ग की दुर्गति को दूर करने की पहल जिम्मेदार अधिकारियों ने शुरू नहीं की है।
बता दें कि अंबिकापुर-मनेन्द्रगढ़ मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-43 का हिस्सा है। यहां इतने बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं, जिससे आए दिन दुर्घटना होती है। पूर्णत: जर्जर हो चुके अंबिकापुर से रायगढ़, बिलासपुर, रामानुजगंज मार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग के अधीन हैं। इन मार्गों का रख-रखाव और नवीनीकरण राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग को करना है, लेकिन विभाग के जिम्मेदारों की उदासीनता का खामियाजा इन मार्गों से आने-जाने वाले लोगों और शहर की जनता को भुगतना पड़ रहा है। कुछ दिन पूर्व ही सरगुजा सांसद चिंतामणि महराज और कलेक्टर विलास भोसकर ने दोपहिया वाहन से अन्य अधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ घूमकर इस मार्ग का अवलोकन किया था, इसके बावजूद गड्ढों से भरी सड़क के सुधार के लिए कोई प्रयास शुरू नहीं किया गया। बात अंबिकापुर-मनेन्द्रगढ़ मार्ग की करें तो इस सड़क में दो से तीन फिट गहराई वाले गड्ढों में पानी भरने के बाद तो वाहन चालकों को जीवन-मौत से संघर्ष करते सफर करना पड़ता है। व्यस्त मार्ग होने के कारण इस मार्ग से भारी और छोटी वाहनों की आवाजाही लगातार होती है। वहीं इस मार्ग में सरगुजा का सबसे बड़ा शासकीय महाविद्यालय के अलावा कई स्कूल, कॉलेज बैंक हैं। सेंट्रल स्कूल तक शहर के बच्चों का आना-जाना होता है। अधिकांश बच्चों को अभिभावक स्कूल-कॉलेज छोड़ने के लिए जाते हैं। रेलवे स्टेशन भी इसी मार्ग पर स्थित है, यहां जाने वाले यात्रियों को सड़क की बदहाली के बीच लगने वाले जाम से जूझना पड़ता है और ट्रेन छूटने की नौबत बन जाती है। गड्ढों से बचने के चक्कर में दुर्घटनाजन्य परिस्थितियां बनना आम है। इधर राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग की उदासीनता का खामियाजा पूरा शहर और मार्ग से आने-जाने बाहरी लोग भी भुगत रहे हैं। शहरवासियों को हो रही तकलीफ की जानकारी मिलने पर पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, सोमवार को इस मार्ग में पहुंचे और मौके का निरीक्षण करने के बाद पहल करते हुए उन्होंने तत्काल जनसहयोग से सड़क के गड्ढों को भरवाने का कार्य प्रारंभ कराया। इस दौरान उनके साथ जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंहदेव, पीसीसी महामंत्री द्वितेन्द्र मिश्रा, कांग्रेस जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता भी उपस्थित थे।
ईई से पूछा एक वर्ष पूर्व बने प्रस्ताव का क्या हुआ
उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने निरीक्षण के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग की दुर्दशा को देखकर विभाग के ईई से भी चर्चा की। चर्चा के दौरान उन्होंने पूछा कि करीब एक वर्ष पूर्व कांग्रेस के शासनकाल में शहर से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों एवं नालियों के नवीनीकरण के लिए प्रस्ताव भेजा गया था, उस पर आज दिनांक तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई। उन्होंने एनएच के ईई से यह भी कह दिया कि अगर आप एनएच की सडकों का रख-रखाव नहीं कर सकते हैं, तो उसे नगर निगम अंबिकापुर को हैण्डओवर कर दीजिए।
जलजमाव से नहीं मिल पाई मुक्ति
बारिश के दौरान जलमग्न रहने वाली शहर की अंदरूनी और वाह्य सड़कों का चिन्हांकन करके पानी निकासी की समुचित व्यवस्था करने के कलेक्टर द्वारा दिए गए निर्देश के बाद भी अंबिकापुर-मनेन्द्रगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग की स्थिति यथावत है। बारिश के बाद सड़क का अधिकांश हिस्सा पानी से अटा रहता है। पानी निकासी के नालियां तो बनी हैं, लेकिन सड़क के सतह से इनका सही जुड़ाव नहीं होने के कारण पानी का जमाव बने रहता है। सड़क और नाली निर्माण के दौरान जलजमाव की स्थिति न बने इसका ध्यान नहीं रखने से यहां के हालात में बदलाव आ पाना मुश्किल है।