अंबिकापुर। सूरजपुर जिला में स्थित बी प्लस नैक ग्रेडिंग प्राप्त शासकीय महाविद्यालय बिश्रामपुर के 12 अगस्त को पूरे दिन बिना किसी लिखित आदेश के बंद रहने पर आजाद सेवा संघ ने आपत्ति जताई है। अपर संचालक क्षेत्रीय कार्यालय सरगुजा को प्रेषित पत्र में कहा गया है कि विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों की लापरवाही का खामियाजा छात्र-छात्राएं भुगत रहे हैं। पूर्व छात्र अविनाश प्रजापति ने भी इसकी लिखित शिकायत अपर संचालक से की है। पूर्व छात्र ने बताया कि सोमवार को महाविद्यालय में पढ़ाई पूरी तरह बंद रखी गई थी, दूसरी तरफ बाउंड्री से ही टीसी, सीसी एवं एडमिशन की प्रक्रिया के कारण बच्चे निराश होकर लौटने मजबूर हो गए। प्राचार्य शिक्षकों की डेली डायरी भी प्रतिदिन चेक नहीं कर रहे हैं। जंतु शास्त्र की प्रयोगशाला में पिछले सत्र से पढ़ाई प्रभावित हैं।
आजाद सेवा संघ के प्रदेश सचिव रचित मिश्रा का कहना है कि जब कर्मचारी को किसी भी अवकाश की स्वीकृत नहीं मिलती है, तो उसे अनुपस्थित, एब्सेंट फ्रॉम ड्यूटी माना जाता है, जो एक तरह से सर्विस ब्रेक है। किसी भी सरकारी नौकरी में सर्विस ब्रेक सबसे बड़ा दंड है। क्योंकि इसमें सर्विस ब्रेक से पहले का पेंशन, गे्रच्युटी काउंट नहीं होगा। इसे धत्ता बताते हुए शासकीय महाविद्यालय बिश्रामपुर द्वारा लापरवाही पूर्वक मौखिक आदेश के तहत कॉलेज बंद रखा गया, जो उच्च शिक्षा में एनईपी प्रोग्राम के हिसाब से दुर्भाग्यपूर्ण है। महाविद्यालय के प्राचार्य डीपी कोरी द्वारा शिक्षा सत्र 2023-24 में भी वनस्पति, रसायन एवं अपने स्वयं के विषय जंतु विज्ञान में उच्च शिक्षा विभाग से बिना अनुमति के पूर्व छात्रों को नियुक्त कर पढ़ाई करवाया गया, इसका उल्टा प्रभाव विज्ञान संकाय के परीक्षा परिणाम में देखने को मिला है। यदि इन विषयों में पढ़ाई प्रभावित हो रही थी तो अपर संचालक या आयुक्त से कार्य सहयोग में प्राध्यापकों को बुलवाना चाहिए था, ना कि पूर्व छात्रों से पढ़वाना चाहिए था। वहीं आला अधिकारी प्राचार्य की कविताओं से मंत्रमुग्ध होकर सारी गलतियों को नजरंदाज कर रहे है।

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