अंबिकापुर। पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और जघन्य हत्या से पूरे देश के डॉक्टरों में आक्रोश है। इसी क्रम में राजमाता श्रीमती देवेंद्र कुमारी सिंहदेव शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने मंगलवार की शाम को कैंडल मार्च निकाल कर श्रद्धांजलि दी। 14 अगस्त, बुधवार को घटना के विरोध में सभी जूनियर डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर रहे। इन्होंने आरजी मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में 31 वर्षीय द्वितीय वर्ष की स्नातकोत्तर प्रशिक्षु के साथ घटित घटना की कड़ी निंदा की है। इनके द्वारा मामले की सीबीआई जांच सहित सुरक्षात्मक पहलुओं को लेकर अन्य मांगें की गई है। इनके सामूहिक अवकाश पर रहने की स्थिति में चिकित्सा व्यवस्था चरमराने की उम्मीद थी, लेकिन चिकित्सालय प्रबंधन की ओर से पूर्व से आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के कारण ऐसे हालात नहीं बने।
बता दें कि मेडिकल की पीजीटी छात्रा के शव परीक्षण रिपोर्ट में सामने आया है कि उसके साथ बेरहमी से दुष्कर्म करने के बाद हत्या की गई। इस भयानक आचरण ने चिकित्सा समुदाय और सामान्य आबादी को स्तब्ध कर दिया है। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन अंबिकापुर ने मृतक के परिवार और आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पीसी रेजिडेंट्स, इंटर्न और छात्रों के साथ अपनी एकजुटता दिखाते हुए मामले की निष्पक्ष और फास्ट ट्रैक न्यायालय में जांच की मांग की है और दरिंदगी की हद पार करने वाले अपराधियों का चेहरा सामने लाकर इन्हें कड़ी से कड़ी सजा से दंडित करने का आग्रह किया है। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय अंबिकापुर के जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कहा है कि वे आरजी कर मेडिकल कॉलेज, कोलकाता के साथ हंै। इस दौरान एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. नारद कुमार गुप्ता, सचिव डॉ. शिवानी बड़गैयां, डॉ. अनुराग शर्मा, डॉ. शिवानी विश्वकर्मा, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. धनपत सिंह, डॉ. हेमराज देवांगन, डॉ. शिवांगी गुप्ता, डॉ. अमन गोयल, डॉ. अरमान मिश्रा, डॉ. प्रिंसी पवार, डॉ. प्रणव ठाकुर, डॉ. अभिषेक सिन्हा, डॉ. पूनम सहित अन्य उपस्थित थे।
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन की मांग
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने मांग की है कि घटनाक्रम की सीबीआई जांच एवं दोषियों की गिरफ्तारी की जाए। केंद्रीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य स्थापना रक्षक अधिनियम का उचित क्रियान्वयन हो। सभी मेडिकल कॉलेजों में कार्यस्थल सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। कॉलेजों में सीसीटीवी के अलावा सुरक्षा गार्ड पुरुष एवं महिला प्रदान किया जाए। पुलिस गश्त की भी मांग की गई है ताकि ऐसी अप्रिय स्थिति को अंजाम देने की सोच रखने वालों में भय बना रहे। इसके अलावा मेडिकल कॉलेजों में पर्याप्त ड्यूटी रूम, कॉलेज परिसर और अस्पतालों में अंधेरे क्षेत्रों की पहचान कर उचित रोशनी की व्यवस्था, पूरे कॉलेज परिसर और अस्पताल के अंतिम छोर तक सीसीटीवी कैमरा लगवाने, ड्यूटी रूम, हॉस्टल की निरंतर सीसीटीवी निगरानी हो, ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की गई है।

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