पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को लिखा पत्र
कहा-टोल टैक्स नाकों का ऐसा युक्तियुक्तकरण करें, जिससे आम नागरिकों पर आर्थिक भार न पड़े
अंबिकापुर। राष्ट्रीय राजमार्ग पर टोल टैक्स बेरियर एवं टोल टैक्स में वसूल की जाने वाली राशि से जनता पर बढ़ते भार को लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने एक पत्र केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मंत्री नितिन गडकरी को प्रेषित किया है। 18 जुलाई को प्रेषित इस पत्र के माध्यम से पूर्व उपमुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया है कि टोल-टैक्स नाकों का इस प्रकार युक्तियुक्त करण किया जाए, जिससे आम नागरिकों पर आर्थिक भार न पड़े। उन्होंने अपने पत्र में ऐसे टोल नाकों का उल्लेख किया है, जो ऐसे स्थान पर स्थापित हैं जिससे परस्पर संलग्न नगरीय क्षेत्रों में रोजाना परिवहन करने वाले नागरिकों पर भार पड़ता है। उन्होंने इसका उदाहरण देते हुए बताया है कि सूरजपुर व विश्रामपुर के मध्य स्थापित टोल नाका या अंबिकापुर और लखनपुर के मध्य स्थापित होने जा रहा लहपटरा का टोल नाका स्थानीय नागरिकों के लिए काफी आर्थिक बोझ डालता है। इन स्थानों के निवासी रोजगार, व्यवसाय एवं दैनिन्दनी कार्यो के लिए रोजाना कई बार इन बेरियरों से गुजरते हैं। ऐसे में हर बार चंद किलोमीटर की दूरी को तय करने के लिए नागरिकों को भारी-भरकम टोल टैक्स का भुगतान करता पडता है। टीएस सिंहदेव ने बताया है कि अंबिकापुर-रायपुर मार्ग पर वर्तमान में नागरिकों को एक ओर के सफर के लिए लगभग 430 रुपये टोल टैक्स का भुगतान करना पडता है, जो लहपटरा टोल नाका प्रारंभ होने पर लगभग 500 रुपये हो जाएगा। ऐसे में अंबिकापुर के नागरिकों को एक बार रायपुर के सफर के लिए 1000 रुपये टोल टैक्स का अदा करना पड़ेगा, जो कि जनता पर बहुत बड़ा आर्थिक भार होगा। आम नागरिकों की इन्हीं परेशानियों को लेकर उन्होंने केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री को प्रेषित पत्र में टोल नाकों के मध्य निश्चित दूरी स्थापित करने के साथ ही टोल दरों की समीक्षा एवं स्थानीय परिवहन में टोल दरों से मुक्ति की सुविधा स्थापित करने का अनुरोध किया है।
राष्ट्रीय राजमार्ग के कार्यों में प्रगति के लिए जताया आभार
टीएस सिंहदेव ने नितिन गडकरी को प्रेषित पत्र में उल्लेख किया है कि राष्ट्रीय राजमार्गों का कार्य आपके नेतृत्व में बेहतर प्रगति पर है, इसके लिए उन्होंने छत्तीसगढ़ वासियों की ओर से उनका आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा है कि टोल टैक्स के मापदंड से पड़ने वाले आर्थिक भार को लेकर निश्चित ही विभिन्न माध्यमों से लोग इस संबंध में विभिन्न माध्यमों से आप तक जानकारी पहुंचा रहे होंगे। कई राजमार्गों में स्थापित टोल नाकों की परस्पर दूरी काफी कम है, जिसके कारण इन मार्गों में चलने वाले यात्री एक मोटी धनराशि टोल के रूप में भुगतान करने विवश हैं।
शिकायत व मांग पत्र भेजकर टोल नाकों की पुन: समीक्षा करने कहा
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि देहरादून से चेन्नई तक जाने वाले यात्रियों को टोल के रूप में लगभग 3500 से 4500 रुपये देने पड़ते हंै। इसी प्रकार देश के अन्य मार्गों में भी ऐसी स्थिति है। इन टोल नाकों की पुन: समीक्षा करने कहा गया है ताकि ऐसे राजमार्ग का उपयोग करने वाले यात्रियों को अनावश्यक वित्तीय भार के बजाए उचित टोल राशि का ही भुगतान करना पड़े। इससे संबंधित कुछ शिकायत व मांग पत्रों को उन्होंने संलग्न किया है। उन्होंने आग्रह किया है कि दो टोल नाकों के मध्य एक निश्चित दूरी अनिवार्यत: रखी जाए। टोल के दर की भी समय-समय पर समीक्षा हो।
गडकरी ने दिया जवाब-पत्र संबंधित अधिकारी को प्रेषित किया गया
टीएस सिंहदेव के द्वारा 18 जुलाई को प्रेषित इस पत्र का जवाब देते हुए मंत्री नितिन गडकरी ने जानकारी दी है कि पत्र संबंधित अधिकारी को प्रेषित किया गया है। पूर्व उपमुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई है कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय इस पत्र के माध्यम से दी गई जानकारी को संज्ञान में लेकर आमजन के हित में उचित कदम उठाते हुए कार्रवाई करेगा।

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