आम आदमी पार्टी (आप) को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में 10 एल्डरमैन को सरकार की सहमति लिए बिना नियुक्त किए जाने के एलजी वीके सक्सेना के फैसले को सर्वोच्च अदालत ने सही करार दिया है। देश की सबसे बड़ी अदालत ने इसमें कानून का उल्लंघन नहीं पाया। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली सरकार की यह दलील खारिज कर दी कि एलजी ‘एल्डरमैन’ नामित करने के लिए मंत्री परिषद की सलाह मानने को बाध्य हैं।

जस्टिस पीएस नरसिम्हा ने सोमवार को यह फैसला सुनाया। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली बेंच ने इस मामले की सुनवाई की थी। बेंच में जस्टिस जेबी पारदीवाला भी शामिल थे। फैसले सुनाते हुए जस्टिस नरसिम्हा ने कहा कि एल्डरमैन की नियुक्ति एलजी का वैधानिक कर्तव्य है और इसे पूरा करने में वह राज्य कैबिनेट की सलाह लेने को बाध्य नहीं हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर करीब 15 महीने तक फैसला सुरक्षित रखा। पिछले साल 17 मई को शीर्ष अदालत ने कहा था कि उपराज्यपाल को एमसीडी में ‘एल्डरमैन’ नामित करने का अधिकार देने का मतलब होगा कि वह निर्वाचित नगर निकाय को अस्थिर कर सकते हैं। एमसीडी में 250 निर्वाचित और 10 नामित सदस्य हैं।

दिसंबर 2022 में ‘आप’ ने नगर निगम चुनाव में 134 वार्ड में जीत के साथ एमसीडी पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 15 साल के शासन को समाप्त कर दिया था। भाजपा ने 104 सीट जीती थीं, जबकि कांग्रेस 9 सीट के साथ तीसरे स्थान पर रही थी।

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