शिक्षा सत्र का 01 माह बीता, अधिकारी कह रहे पुरानी किताब संग्रहित कर करा रहे पढ़ाई

अंबिकापुर। नए शिक्षा सत्र का एक माह बीत गया लेकिन अभी तक सरगुजा जिले के शासकीय सीबीएसई स्कूलों के विद्यार्थियों को नि:शुल्क वितरण करने के लिए किताबें नहीं पहुंची हैं। ऐसे में छात्रों के सामने पढ़ाई में समस्या आ रही है और वे बिना किताब स्कूल में दिए जा रहे ज्ञान को लेने विवश हैं। वहीं अधिकारियों के द्वारा किताबों के नहीं आने से किसी भी प्रकार की परेशानी छात्रों को नहीं होने की बात कहकर पल्ला झाड़ने का काम किया जा रहा है।
बता दें कि सरगुजा जिले के सभी विकासखंडों में सीबीएसई अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय संचालित हो रहे हैं। सबसे बड़ा विद्यालय जिला मुख्यालय के हृदयस्थल का शासकीय मल्टीपरपज स्कूल है, यहां छठवीं से 12वीं तक की पढ़ाई हिंदी माध्यम से तो होती ही है, सीबीएसई बोर्ड के पाठ्यक्रम के आधार पर भी बच्चे शिक्षा ले रहे हैं। इसके अलावा नमनाकला में स्थित शासकीय विद्यालय में आठवीं तक की पढ़ाई सीबीएसई अंग्रेजी माध्यम से कराई जाती है।
जिले में आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय भी हैं परंतु इन विद्यालयों में सीजी बोर्ड अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई कराई जाती है। शासकीय स्कूलों में बच्चों को पढ़ने के लिए शासन के द्वारा किताबें भी उपलब्ध कराई जाती हैं। इस वर्ष भीषण गर्मी को देखते हुए 25 जून से नए शिक्षा सत्र की शुरूआत हुई है। नए शिक्षा सत्र के प्रारंभ होने के बाद एक माह गया लेकिन शासकीय विद्यालयों में सीबीएसई पाठ्यक्रम के पुस्तक अभी तक छात्रों को उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। इसका कारण पूछने पर अधिकारियों ने बताया कि पाठ्य पुस्तक निगम से ही अब तक शहर के सोनपुर में स्थित निगम के गोदाम में पुस्तकें नहीं पहुंची हैं, जबकि सीजी बोर्ड के हिन्दी व अंग्रेजी दोनों माध्यम की पुस्तकें पाठ्य पुस्तक निगम के गोदाम से स्कूलों तक पहुंच चुकी हैं और इसका वितरण भी स्वामी आत्मानंद सहित अन्य सीजी माध्यम के विद्यालयों में किया जा चुका है। सीबीएसई बोर्ड के स्कूलों में शिक्षा सत्र के एक माह बाद भी किताबों के नहीं पहुंचने से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। सीबीएसई के नियमानुसार शासकीय विद्यालयों में भी निजी स्कूलों की तरह छात्रों की परीक्षा ली जाती है। इसके प्राप्तांक को सत्र के अंत में जोड़कर छात्रों को ग्रेड प्रदान किया जाता है। शासकीय स्कूलों में बच्चों को किताबें नहीं मिलने के कारण बच्चों को घर पर अध्ययन करने में काफी परेशानी हो रही है और वे बिना किताबों के केवल स्कूल में लिखवाए जा रहे पाठ को पढ़कर परीक्षा देने विवश हैं। इस संबंध में शिक्षा विभाग के अधिकारियों से जानकारी लेने पर उन्होंने किताबें नहीं आने के कारण स्कूलों में पढ़ाई किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं होने का दावा किया और कहा कि सीबीएसई स्कूलों में छात्रों को दी जाने वाली पुस्तकें परीक्षा के उपरांत वापस जमा करा ली जाती हैं, ऐसे में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं हो रही है। अब सवाल उठता है कि जब बच्चों से किताबें जमा करके ही पढ़ाई कराई जाती है, फिर नए सत्र में नए किताबों की मांग ही क्यों की जाती है? अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही नए शैक्षणिक सत्र की किताबें स्कूलों में आ जाएंगी और वितरित करा दिया जाएगा।
बयान
सीबीएसई पाठ्यक्रम की किताबों की मांग की गई है। अभी पुस्तकें नहीं आई हैं। पुस्तकों के आते ही इसका वितरण करा दिया जाएगा।
अशोक सिन्हा, जिला शिक्षा अधिकारी सरगुजा

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