बलरामपुर। जिला मुख्यालय के ऑडिटोरियम में विज्ञान देव महाराज के आगमन पर भक्तों में काफी उत्साह देखने को मिला, कथा का भी आयोजन किया गया। ऑडिटोरियम में आयोजित एक दिवस कार्यक्रम में पहुंचे विज्ञान देव महराज ने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान किया। उन्होंने कहा कि आध्यात्म का महाशास्त्र है स्वर्वेद। स्वर्वेद आध्यात्मिक ज्ञान का चेतन प्रकाश है, जिसके आलोक में अविद्या, अंधकार, मिथ्याज्ञान नष्ट होते हैं। यह हमारी आध्यात्मिक यात्रा को सदैव जागृत रखता है। अशांति एवं वैमनस्य से पीड़ित विश्व में शांति एवं सौहार्द्र की स्थापना करने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम स्वर्वेद है। जीवन में स्वर्वेद का आचरण अनंत ऊंचाइयों तक ले जाता है। विज्ञान देव महाराज ने कहा कि कोई व्यक्ति अयोग्य नहीं। अच्छाइयां-बुराइयां सबके भीतर हैं, हमें दुर्बलताओं, कठिनाइयों से घबराना नहीं है।
कार्यक्रम के आयोजकों ने बताया कि शताब्दी समारम्भ महोत्सव एवं 25000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान
महायज्ञ के निमित्त संत प्रवर विज्ञान देव महाराज का 7 जुलाई से दक्षिण भारत से संकल्प यात्रा का शुभारंभ हो चुका है। 06 एवं 07 दिसंबर को विशालतम ध्यान साधना केंद्र मेडिटेशन सेंटर स्वर्वेद महामंदिर, वाराणसी के परिसर में 25000 कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ होना है। इसी क्रम में यह संकल्प यात्रा हो रही है, जिससे अधिक से अधिक लोगों को पूरे भारत वर्ष में इसका लाभ मिले। शताब्दी समारम्भ महोत्सव में विहंगम योग के प्रणेता अनंत सदगुरू सदाफल देव महाराज की 135 फिट से भी ऊंची प्रतिमा का भी शिलान्यास होगा। इस अवसर पर सत्येंद्र स्वर्वेदी, राष्ट्रीय प्रचारक दिनेश सिंह, सत्येंद्र मिश्रा, अध्यक्ष बिलासपुर संभाग कृष्ण कुमार, संभाग संयोजक शशिकांत सिंह, संरक्षक संभाग सरगुजा सुनील कुमार गुप्ता, प्रधान संयोजक बलरामपुर कमल कुमार, संयोजक बलरामपुर रामबली, जितेंद्र, अजय, दिलीप, बेचन, रामजी, बंशीधर गुप्ता, अनिल तिवारी, विनय गुप्ता, विशुन देव, भगवान सिंह, अंजनी पटेल, प्रीति पटेल, शोभा गुप्ता, मीनल सिंह, हीरालाल सिंह, महेंद्र सहित अन्य उपस्थित रहे।
बलरामपुर। जिला मुख्यालय के ऑडिटोरियम में विज्ञान देव महाराज के आगमन पर भक्तों में काफी उत्साह देखने को मिला, कथा का भी आयोजन किया गया। ऑडिटोरियम में आयोजित एक दिवस कार्यक्रम में पहुंचे विज्ञान देव महराज ने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान किया। उन्होंने कहा कि आध्यात्म का महाशास्त्र है स्वर्वेद। स्वर्वेद आध्यात्मिक ज्ञान का चेतन प्रकाश है, जिसके आलोक में अविद्या, अंधकार, मिथ्याज्ञान नष्ट होते हैं। यह हमारी आध्यात्मिक यात्रा को सदैव जागृत रखता है। अशांति एवं वैमनस्य से पीड़ित विश्व में शांति एवं सौहार्द्र की स्थापना करने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम स्वर्वेद है। जीवन में स्वर्वेद का आचरण अनंत ऊंचाइयों तक ले जाता है। विज्ञान देव महाराज ने कहा कि कोई व्यक्ति अयोग्य नहीं। अच्छाइयां-बुराइयां सबके भीतर हैं, हमें दुर्बलताओं, कठिनाइयों से घबराना नहीं है।
कार्यक्रम के आयोजकों ने बताया कि शताब्दी समारम्भ महोत्सव एवं 25000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान
महायज्ञ के निमित्त संत प्रवर विज्ञान देव महाराज का 7 जुलाई से दक्षिण भारत से संकल्प यात्रा का शुभारंभ हो चुका है। 06 एवं 07 दिसंबर को विशालतम ध्यान साधना केंद्र मेडिटेशन सेंटर स्वर्वेद महामंदिर, वाराणसी के परिसर में 25000 कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ होना है। इसी क्रम में यह संकल्प यात्रा हो रही है, जिससे अधिक से अधिक लोगों को पूरे भारत वर्ष में इसका लाभ मिले। शताब्दी समारम्भ महोत्सव में विहंगम योग के प्रणेता अनंत सदगुरू सदाफल देव महाराज की 135 फिट से भी ऊंची प्रतिमा का भी शिलान्यास होगा। इस अवसर पर सत्येंद्र स्वर्वेदी, राष्ट्रीय प्रचारक दिनेश सिंह, सत्येंद्र मिश्रा, अध्यक्ष बिलासपुर संभाग कृष्ण कुमार, संभाग संयोजक शशिकांत सिंह, संरक्षक संभाग सरगुजा सुनील कुमार गुप्ता, प्रधान संयोजक बलरामपुर कमल कुमार, संयोजक बलरामपुर रामबली, जितेंद्र, अजय, दिलीप, बेचन, रामजी, बंशीधर गुप्ता, अनिल तिवारी, विनय गुप्ता, विशुन देव, भगवान सिंह, अंजनी पटेल, प्रीति पटेल, शोभा गुप्ता, मीनल सिंह, हीरालाल सिंह, महेंद्र सहित अन्य उपस्थित रहे।