किचन को साफ-सुथरा करने और पूर्व के शेष खाद्य सामग्री को फेंकने के निर्देश
अंबिकापुर। शासकीय स्कूलों में बच्चों के मध्यान्ह भोजन के लिए एफसीआई से नि:शुल्क चावल उपलब्ध कराया जाता है। इस बार स्कूल के 95 हजार 600 बच्चों को मध्यान्ह भोजन में फोर्टीफाइड चावल परोसने की तैयारी की गई है। बताया जा रहा है कि इस चावल के सेवन से बच्चों को निमोनिया जैसी बीमारी नहीं होती है। यह चावल पौष्टिक होने के साथ ही कुपोषण रोकने में सहायक है। चावल के माड़ का उपयोग दाल में करने कहा गया है, ताकि दाल में भी फोर्टीफाइड चावल से मिलने वाली पौष्टिकता बनी रहे।
नए सत्र के लिए विद्यार्थियों के प्रवेश की चलती प्रक्रिया व आगामी 18 जून को होने वाले शाला प्रवेशोत्सव के पूर्व लगभग एक लाख बच्चों के मध्यान्ह भोजन की तैयारी शुरू कर दी गई है। बच्चों को पौष्टिक भोजन शाला प्रवेश के समय से मिले, इसके लिए समूह के सदस्यों को निर्देशित किया गया है। मध्यान्ह भोजन बनाने में श्रम करने वाले लोगों का बकाया भुगतान विभाग के द्वारा कर दिया गया है। एक्सपायरी या महीनों पुराने शेष राशन सामग्री को फेंकने के निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि बच्चों का शिक्षा के प्रति रूझान बढ़ाने व स्कूलों में शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शासकीय स्कूलों में कक्षा पहली से आठवीं तक के बच्चों के लिए मध्यान्ह भोजन की शुरूआत की गई है। इसी क्रम में नए सत्र में शाला प्रवेशोत्सव के पहले जिले के 95 हजार 600 बच्चों के मध्यान्ह भोजन की तैयारियों में शिक्षा विभाग के मध्यान्ह भोजन शाखा के जिम्मेदार लग गए हैं। स्कूलों में बने किचन शेड की साफ-सफाई व पूर्व के शेष खाद्य सामग्रियों को हटाने व नया सामान क्रय करने के लिए कहा गया है। बर्तनों की स्वच्छता का ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं।
जिले में 1963 शासकीय स्कूल, इनमें मदरसा व आवासीय विद्यालय भी शामिल
मध्यान्ह भोजन के प्रभारी अधिकारी अखिलेश सोनी ने बताया कि जिले में कुल 1963 शासकीय स्कूल हैं, जिनमें मदरसा, कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय भी शामिल हैं। अब तक की स्थिति में जिले के शासकीय स्कूलों में कक्षा पहली से आठवीं तक के 95 हजार 600 बच्चों को मध्यान्ह भोजन दिया जाना है। बच्चों के मध्यान्ह भोजन का दारोमदार 1003 स्वयं सहायता समूहों को दिया गया है। मध्यान्ह भोजन बनाने के लिए 3300 रसोइया रखे गए हैं। वहीं सेंट्रलाइज रसोई के माध्यम से अंबिकापुर शहरी क्षेत्र के 140 स्कूलों के 12 हजार बच्चों को मध्यान्ह भोजन का लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि शासन के द्वारा प्राइमरी स्कूल के बच्चों के लिए प्रति बच्चे 5.69 रुपये और मिडिल स्कूल के प्रति बच्चे पर 8.17 रुपये मध्यान्ह भोजन के लिए दिया जाता है, इसमें ईंधन का खर्च भी समाहित है।

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