मुख्यमंत्री साय व सचिव दयानंद ने सराहा
रायपुर । मानसून के पहले आई आंधी-तूफान से बाधित हुई विद्युत आपूर्ति को सुधारने के लिए प्रदेशभर में बिजली कर्मी जी-जान लगाकर जुटे हुए हैं। राजधानी से 250 किलोमीटर दूर देवभोग के घने जंगल में आंधी तूफान के कारण 11 जून को पेड़ गिरने से बिजली तार टूट गए, जिसे विद्युत अमले ने त्वरित गति से कार्य करते हुए आधी रात को ही सुधारकर उपभोक्ताओं तक विद्युत आपूर्ति बहाल की।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जनसेवा के कार्यों को प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मौसम की चुनौतियों का सामना कर विद्युत आपूर्ति करने वाले विद्युतकर्मियों की सराहना की है। पॉवर कंपनी के अध्यक्ष पी. दयानंद ने भी कर्मियों के साहस और समर्पण की प्रशंसा की और उन्हें इसके लिए बधाई दी, वहीं धैर्य रखने के लिए आम जनता को धन्यवाद प्रेषित किया है।
रायपुर ग्रामीण क्षेत्र के कार्यपालक निदेशक संदीप वर्मा ने बताया कि रात 11 जून को तेज आंधी तूफान और बारिश के कारण शाम साढे छह बजे 33 केवी देवभोग फीडर लाइन फॉल्ट(बंद) हो गई। जिसे शीघ्र ही देवभोग के अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा पेट्रोलिंग कार्य प्रारंभ किया गया। घने व लंबी दूरी तक के जंगल, सीमित मानव संसाधनों, हाथी व नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के बावजूद विद्युत कर्मियों ने रात में ही पेट्रोलिंग कार्य जारी रखा। कार्यपालन अभियंता गरियाबंद ने अधिकारियों-कर्मचारियों को सुरक्षित रहते हुए, सुरक्षा नियमों का पालन करने के निर्देश दिये तथा सुधार कार्यों की निरतंर जानकारी लेते रहे। कार्यपालक निदेशक वर्मा फ़ोन पर व व्हाट्सएप्प संदेश के माध्यम से विद्युत बहाली हेतु रात्रि में जारी विद्युत कर्मियों के लगातार संपर्क में रहे।
विद्युत कर्मचारियों व्दारा नक्सल प्रभावित व हिंसक वन्य प्राणियों की मौजूदगी वाला क्षेत्र होने के बाद भी गाड़ियों और पैदल पेट्रोलिंग करते हुए, घुप्प अंधेरे में टार्च की रोशनी तथा बरसते पानी के बीच लगातार अपनी जान की परवाह किये बगैर सुधार कार्य जारी रखा। रात 10.43 बजे नाला एबी स्विच के पास पहला फाल्ट, रात 10.51 बजे बुडगेलटप्पा के पास दूसरा फाल्ट इसी प्रकार धुरवागुड़ी नाला एबी स्विच के पास रात 12.22 बजे तीसरा फाल्ट मिला। लाइनों में गिरे पेड़ों और पेड़ों की डालियों को काटकर लाइनों से अलग किया गया। 50 किमी लंबी लाइन की पेट्रोलिंग और 5 से 6 घंटे की अथक मेहनत से किये गए सुधार कार्य के बदौलत रात 12.48 बजे 179 ग्रामों की विद्युत व्यवस्था पूरी तरह बहाल कर ली गई। इस प्रकार पूरी रात आपूर्ति दुरूस्त करते हुए बीती। उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व होने के कारण रखरखाव कार्य की अपनी सीमाएं हैं,बाध्यताओं को देखते हुए टहनियों की कटाई-छंटाई हो पाती है। इसलिए प्रिवेंटिव मेंटेनेंस का कार्य कठिन होता है,लेकिन ब्रेकडाउन मेंटेनेंस की जरूरत को विद्युतकर्मियों ने जोखिम लेते हुए पूर्ण किया।